इंतजार
इंतजार
इंतजार करती रही, शबरी को था आस।
मुझसे मिलने राम जी, आयेंगे मम पास।।
पलक बुहारूँ आँगना, आओ मेरे राम।
स्वप्न सलोने देखती, भूल गयी सब काम।।
राम भजन गाती सदा, इंतजार में राम।
शबरी सुध-बुध खो कही, जहाँ राम वह धाम।।
पलक पाँवड़े को बिछा, बहे नयन से धार।
अश्रु नीर पग धोइए, करती पैर पखार।।
शबरी माता धन्य तब, जब आयें राम।
खाते झूठे बेर सब, शबरी सफल सुकाम।।
सफल रही निज साधना, हुई राम के दर्श
इंतजार का फल मिला, चरण कमल का स्पर्श।।
