एक प्रार्थना
एक प्रार्थना
मुझे ईश्वर ने सिखाया,
मुझे अल्लाह ने बताया
अंधकार को कर दें रोशन
वाहेगुरु ने समझाया।
मैं बनूँ प्रकाश अंधकार में,
प्रेम फैलाऊं इस संसार में।
सर्वहित ही बस सोचूँ
मांझी बनूं मैं मंझधार में।
मुझे मेरी माँ ने बनाया
पिता ने मन है जगाया
अंधकार को कर दें रोशन...
मुझे राम बनाएगा बादल
मुझे रहीम बनाएगा बूंदे।
मुझे ओस बनाएगा ईसा
हर सुबह जो बाग़ में चमके।
मुझे नदियों संग बहाया
मैं धरती में भी समाया
अंधकार को कर दें रोशन....
मुझे ईश्वर ने सिखाया,
मुझे अल्लाह ने बताया
अंधकार को कर दें रोशन
वाहेगुरु ने समझाया।
