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Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

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Chandresh Kumar Chhatlani

Inspirational

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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थक गए तो अपनों के आराम को देख लीजिए,
ना ले कोई, खुद ही अपने नाम को देख लीजिए।

उजालों का डूब जाना भी बहुत खूबसूरत होता है,
इस नज़र से भी तो अपनी शाम को देख लीजिए।

हर सवाल का जवाब शोर में नहीं मिलता जनाब,
कभी तो इस चुप दिल के काम को देख लीजिए।

मजबूर जो बेज़ुबान हैं, कल तो कुछ कहेंगे,
निकाल वक्त आज ही उस पैगाम को देख लीजिए।

अजनबी सा जो चेहरा आईने में है झाँक रहा, 
अपने दिल औ दिमाग के गुलाम को देख लीजिए।


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