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Manmeet Arora

Abstract Inspirational

4.0  

Manmeet Arora

Abstract Inspirational

ज़ायक़ा है ज़िंदगी

ज़ायक़ा है ज़िंदगी

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मासूमियत से भरे बचपन में,

बड़प्पन का ज़ायक़ा है ज़िंदगी ॥

माँ बाप की डाँट फटकार में,

छुपे प्यार का ज़ायक़ा है ज़िंदगी ॥

भाई बहन के मस्त मिज़ाज में,

रूठने मनाने का ज़ायक़ा है ज़िंदगी ॥

यारों के साथ गुफ़्तगू में,

हर लम्हा यादगार बनाने का ज़ायक़ा है ज़िंदगी ॥

मिलते तो बहुत लोग है सफ़र में,

पर अपना बना लेना ही ज़ायक़ा है ज़िंदगी ॥

बदलते वक्त की कशमकश और भागदौड़ में

इक नयी शुरुआत का साया है ज़िंदगी ॥



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