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Manmeet Arora

Tragedy Others

4.0  

Manmeet Arora

Tragedy Others

अधूरापन

अधूरापन

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कुछ बातें जो अधूरी रेह गईं..

बीत गया वक़्त ओर अनकही रेह गईं।

जाते उन पलों में इक साथ खो गया..

कहना था बहुत कुछ पर सब अधूरा रह गया॥

ज़िंदगी भर साथ निभाने का वादा था..

पर थमते एहसासों में सब अधूरा रह गया॥

माँ की डाँट ओर पा के लाड़ में वक़्त बिताना था..

पर ज़िम्मेदारियों के बोझ में सब खोता चला गया॥

भाई बहन कीं नोक झोंक में यादों का पिटारा था..

पर चलते हालातों में सब अधूरा रह गया॥

बहुत कुछ पाने की दौड़ में सब छूटता चला गया

क़िस्मत कीं मार के साथ आज में अकेला ही रह गया॥॥


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