कैसी है यह अन्धता कैसी है यह अन्धता
ताउम्र न कोई साथ देता यहाँ ख़ुद को आईना बनाने तो दो ताउम्र न कोई साथ देता यहाँ ख़ुद को आईना बनाने तो दो
भौतिकता की दौड़ में देखो प्रकृति का किया विनाश । भौतिकता की दौड़ में देखो प्रकृति का किया विनाश ।
इस दौड़ की मंज़िल से बेख़बर बस दौड़ते जाते हैं और एक दिन ज़िन्दगी की शाम ढल जाती है इस दौड़ की मंज़िल से बेख़बर बस दौड़ते जाते हैं और एक दिन ज़िन्दगी की शाम ढल जाती ह...
ज़िंदगी को मुश्किल बनाने की क्या ज़रूरत ज़िंदगी तो है खूबसूरत इसे चाहिए थोड़ी मोहब्बत ज़िंदगी को मुश्किल बनाने की क्या ज़रूरत ज़िंदगी तो है खूबसूरत इसे चाहिए थोड़ी म...
और फिर मंद मंद मुस्कुराना उसका मीठा सा उलहाना उसका और फिर मंद मंद मुस्कुराना उसका मीठा सा उलहाना उसका