रॉकशायर इरफ़ान अली ख़ान बेसिकली अजमेर (राजस्थान) से है,फिलहाल पिंकसिटी जयपुर में रहते है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में M.Tech. किया है।
बचपन से ही किताबें और कहानियां पढ़ने का शौक रहा। 2005 में पॉलिटेक्निक के वक्त अखबार में छपी साहित्यिक रचनाए इकठ्ठी करके पढ़ते रहते थे। हमेशा लिखना चाहते थे... Read more
रॉकशायर इरफ़ान अली ख़ान बेसिकली अजमेर (राजस्थान) से है,फिलहाल पिंकसिटी जयपुर में रहते है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन में M.Tech. किया है।
बचपन से ही किताबें और कहानियां पढ़ने का शौक रहा। 2005 में पॉलिटेक्निक के वक्त अखबार में छपी साहित्यिक रचनाए इकठ्ठी करके पढ़ते रहते थे। हमेशा लिखना चाहते थे मगर ना जाने क्यों लिखने से कतराते थे। आखिरकार फरवरी 2013 में लिखना शुरू किया
जब इनके सबसे अज़ीज़ दोस्त आशिफ़ ने इन्हें एक डायरी गिफ्ट की
और लिखने को हौसला बढ़ाया। और इस रॉकशायर नाम के पीछे भी पूरी एक दास्तान है।
ज़िंदगी के इक बेदर्द हादसे ने इनकी ज़िंदगी बदल कर रख दी।
उस दिन के बाद इन्होंने फैसला किया कि मैं मुश्किलों के आगे कभी हार नहीं मानूंगा।
उस दिन इन्होंने खुद को रॉकशायर नाम दिया,
दर्द से कभी नही बिखरने वाला
चट्टानों की तरह मजबूत शख़्सियत रॉकशायर
जिसका वज़ूद अल्फ़ाज़ में नुमायाँ है”
अब तक 5000 से भी ज्यादा कविताए नज़्म ग़ज़ल और शेर आप लिख चुके हैं। गूगल पर जब rockshayar नाम सर्च करेंगे
तब जवाब आपको खुद बखुद मिल जाएगा कि आखिर कौन है ये राॅकशायर ?
लफ़्ज़ जो हमेशा इनके ज़ेहन में चलते रहते है..
मैं रहूं ना रहूं, मेरे अल्फ़ाज़ ज़ाविदाँ है
कल मिलू ना मिलू, ये अंदाज़ अलहदा है
rockshayar.com
youtube.com/user/mail2irfan85 Read less