जाने कौन थी वो हसीना

जाने कौन थी वो हसीना

1 min
13.9K


गुलाबी नगरी से 
सुबह जल्दी रवाना होकर
शहरे दिल्ली आ पहुँचा 
मैं उस रोज दोपहर तक
महफ़िले अदब में शिरकत करने की ख़ातिर
रोङवेज बस स्टैंड पर उतरकर
कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पहुँचा 
और वहां से टिकट लेकर
ख़ान मार्किट मेट्रो स्टेशन पर उतरा
स्टेशन से बाहर निकलने के लिए
ज्योंही मैं एस्केलेटर पर सवार हुआ
तब दफ्अतन कुछ ऐसा हुआ कि
हुस्ने इत्तिफ़ाक़ से उस नाज़नीं से
नूरे नज़र रूहे रहबर माहज़बीं से
टकरा ही गई मुसव्विर नज़रें मेरी
गुमनाम सी हमनाम एक हसीं से
सुर्ख़ से लिबास में लिपटी हुई 
हुस्न के आगोश में सिमटी हुई
जुल्फों के घनेरे बादल 
निगाहों के है जो काज़ल
जाने कौन थी वो हसीना 
देखते ही जिसको 
दिल्लीवाली गर्लफ्रेंड की 
फीलिंग आ रही थी
और इत्तिफ़ाक़ तो देखिए
वो मुझको जानती थी
शक्ल से पहचानती थी
शायद नज़रें पढ़ने का हुनर 
उसे भी बख़ूबी आता था
आख़िर सलाम दुआ हुई 
गुफ़्तगू के बहाने कुछ वक़्त मिला 
तो पता चला कि
हम दोनों की मंज़िल भी एक ही है
और बातों ही बातों में ज़िक़्र हुआ 
फेसबुक पर हुई उस मुलाक़ात का
फिर तो वक़्त का पता ही नहीं चला 
वो लम्हा जैसे वहीं ठहर सा गया
समझ रहा था जिसे मैं 
अनजान एक हसीना
दरअसल वो भी मेरी तरह
लफ़्ज़तराश ही निकली
शायद इसीलिए उस रोज
जो भी मैंने महसूस किया
वो आज यूँ नज़्म बनकर 
काग़ज़ पर उतर आया है ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance