ज्यों ज्यों समय व्यतीत होता जा रहा था , शर्मिष्ठा की धड़कनें बढ़ने लगीं थी । ज्यों ज्यों समय व्यतीत होता जा रहा था , शर्मिष्ठा की धड़कनें बढ़ने लगीं थी ।
विवाह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे। विवाह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे।
अरे... तुम इतना पैनिक क्यों होती हो ? शी इज़ माय फ्रेंड। अरे... तुम इतना पैनिक क्यों होती हो ? शी इज़ माय फ्रेंड।
"अगली बार तुम्हें लेने बारात लेकर आऊँगा। चलोगी ना मेरे साथ?" "अगली बार तुम्हें लेने बारात लेकर आऊँगा। चलोगी ना मेरे साथ?"
माँ निशा के दिल के हाल से भली भांति वाकिफ थीं। माँ निशा के दिल के हाल से भली भांति वाकिफ थीं।
मुझे आपसे प्रेम चाहिए, ये आप जानते हैं तो व्यर्थ में इतना कौतुहल क्यों ? मुझे आपसे प्रेम चाहिए, ये आप जानते हैं तो व्यर्थ में इतना कौतुहल क्यों ?
"आह …!आज कितने दिन बाद दिल और पेट दोनों को राहत मिली …!" "आह …!आज कितने दिन बाद दिल और पेट दोनों को राहत मिली …!"
काकी से ज़ुबान लड़ाती है। देख आज़ तेरी माँ से तेरी शिकायत करती हूँ। काकी से ज़ुबान लड़ाती है। देख आज़ तेरी माँ से तेरी शिकायत करती हूँ।
"कुछ रहना भी चाहिए दोबारा मुलाक़ात करने के लिए। " "कुछ रहना भी चाहिए दोबारा मुलाक़ात करने के लिए। "
"आज सारा हिसाब चुकता कर दूंगा , बहुत शिकायत करती है ना तुम्हारी होंठ। "आज सारा हिसाब चुकता कर दूंगा , बहुत शिकायत करती है ना तुम्हारी होंठ।
लड़कियों में इतनी हिम्मत कि वह अपना नाम पता किसी भी अनजान को बता दें। लड़कियों में इतनी हिम्मत कि वह अपना नाम पता किसी भी अनजान को बता दें।
शर्मिष्ठा का नख शिख वर्णन करते समय वह ययाति के चेहरे के भाव भी पढता जा रहा था। शर्मिष्ठा का नख शिख वर्णन करते समय वह ययाति के चेहरे के भाव भी पढता जा रहा था।
घर के बड़े हो गए व्यस्त मोबाइल हाथ में थामे। घर के बड़े हो गए व्यस्त मोबाइल हाथ में थामे।
अगले दिन शिवम् की लाश शहर के बाहर एक खंडहर में पाई गई थी। अगले दिन शिवम् की लाश शहर के बाहर एक खंडहर में पाई गई थी।
फिर केतकी गाने को बीच में ही रोककर मुस्कुराकर सोचने लगी... फिर केतकी गाने को बीच में ही रोककर मुस्कुराकर सोचने लगी...
"इस आयु में ऐसे ही तो स्वप्न आते हैं । स्वप्न भी आयु के अनुसार आते हैं। " "इस आयु में ऐसे ही तो स्वप्न आते हैं । स्वप्न भी आयु के अनुसार आते हैं। "
अब उसे समझ में आया कि "आशिकी" इतनी आसान नहीं होती है जितनी लगती है। अब उसे समझ में आया कि "आशिकी" इतनी आसान नहीं होती है जितनी लगती है।
“इसका मतलब तुम्हारे और प्रकाश के बीच में कुछ है जो तुम मुझे नहीं बताना चाहती हो!” “इसका मतलब तुम्हारे और प्रकाश के बीच में कुछ है जो तुम मुझे नहीं बताना चाहती हो!...
अतुल और प्रीति ने उस पहली मुलाकात में ही एक दूसरे को दिल से पसंद कर लिया था। अतुल और प्रीति ने उस पहली मुलाकात में ही एक दूसरे को दिल से पसंद कर लिया था।
अगर तुम बहुत गहरे प्रेम में हो ! तो तुम मौन हो जाओगे। अगर तुम बहुत गहरे प्रेम में हो ! तो तुम मौन हो जाओगे।