ष्मिताजी के विश्वास को पूरी तरह जीत लेने के बाद सुधीर ने उन्हें स्पष्ट बता दिया कि वह किरण जी को प्य... ष्मिताजी के विश्वास को पूरी तरह जीत लेने के बाद सुधीर ने उन्हें स्पष्ट बता दिया ...
मेरे प्यार की निशानी को तुमने अपने कफन से जोड़ लिया। मेरे प्यार की निशानी को तुमने अपने कफन से जोड़ लिया।
ज्यों ज्यों समय व्यतीत होता जा रहा था , शर्मिष्ठा की धड़कनें बढ़ने लगीं थी । ज्यों ज्यों समय व्यतीत होता जा रहा था , शर्मिष्ठा की धड़कनें बढ़ने लगीं थी ।
उसे उस पल में पता चल गया था कि वह इस आदमी के साथ अपना बाकी जीवन बिताने का सही फैसला कर लिया। उसे उस पल में पता चल गया था कि वह इस आदमी के साथ अपना बाकी जीवन बिताने का सही फै...
लेकिन दोनों में से किसी में भी अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करने की हिम्मत नहीं थी। लेकिन दोनों में से किसी में भी अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करने की हिम्मत नहीं थी।
विवाह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे। विवाह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे।
अरे... तुम इतना पैनिक क्यों होती हो ? शी इज़ माय फ्रेंड। अरे... तुम इतना पैनिक क्यों होती हो ? शी इज़ माय फ्रेंड।
5 साल सगाई के और 2 साल पहले से दोस्ती और प्यार और जिंदगी भर का दुख प्रतिभा को दे गया। 5 साल सगाई के और 2 साल पहले से दोस्ती और प्यार और जिंदगी भर का दुख प्रतिभा को दे...
"अगली बार तुम्हें लेने बारात लेकर आऊँगा। चलोगी ना मेरे साथ?" "अगली बार तुम्हें लेने बारात लेकर आऊँगा। चलोगी ना मेरे साथ?"
माँ निशा के दिल के हाल से भली भांति वाकिफ थीं। माँ निशा के दिल के हाल से भली भांति वाकिफ थीं।
मुझे आपसे प्रेम चाहिए, ये आप जानते हैं तो व्यर्थ में इतना कौतुहल क्यों ? मुझे आपसे प्रेम चाहिए, ये आप जानते हैं तो व्यर्थ में इतना कौतुहल क्यों ?
बुजुर्गों ने पिंकी और अंबा के मिलन को आशीर्वाद दिया, एक दूसरे के प्रति उनके प्यारको स्वीकार किया। बुजुर्गों ने पिंकी और अंबा के मिलन को आशीर्वाद दिया, एक दूसरे के प्रति उनके प्या...
"आह …!आज कितने दिन बाद दिल और पेट दोनों को राहत मिली …!" "आह …!आज कितने दिन बाद दिल और पेट दोनों को राहत मिली …!"
उनकी प्रेम कहानी का तमाम परेशानियों के बाद सुखद अंत हुआ। उनकी प्रेम कहानी का तमाम परेशानियों के बाद सुखद अंत हुआ।
विश्वास करने वालों के दिलों में प्यार की स्थायी शक्ति का प्रतीक बन गया। विश्वास करने वालों के दिलों में प्यार की स्थायी शक्ति का प्रतीक बन गया।
काकी से ज़ुबान लड़ाती है। देख आज़ तेरी माँ से तेरी शिकायत करती हूँ। काकी से ज़ुबान लड़ाती है। देख आज़ तेरी माँ से तेरी शिकायत करती हूँ।
घर के बड़े हो गए व्यस्त मोबाइल हाथ में थामे। घर के बड़े हो गए व्यस्त मोबाइल हाथ में थामे।
घर पहुंचकर जब श्याम ने डायरी खोली -एक भीनी सी खुशबू उसके मन -मस्तिष्क को छू गयी। घर पहुंचकर जब श्याम ने डायरी खोली -एक भीनी सी खुशबू उसके मन -मस्तिष्क को छू गयी।
"कुछ रहना भी चाहिए दोबारा मुलाक़ात करने के लिए। " "कुछ रहना भी चाहिए दोबारा मुलाक़ात करने के लिए। "
"आज सारा हिसाब चुकता कर दूंगा , बहुत शिकायत करती है ना तुम्हारी होंठ। "आज सारा हिसाब चुकता कर दूंगा , बहुत शिकायत करती है ना तुम्हारी होंठ।