उस लम्हे में फिर इक बार संवरना है बस उस लम्हे में फिर इक बार संवरना है बस
‘‘1 हफ्ता पहले आया था. मेरा ट्रांसफर इसी शहर में हो गया है. ‘‘1 हफ्ता पहले आया था. मेरा ट्रांसफर इसी शहर में हो गया है.
फिर लौट आता हूँ, पर ये यादें कभी नहीं जातीं। फिर लौट आता हूँ, पर ये यादें कभी नहीं जातीं।
नील ने मेघा से कहा, "क्या हम फिर से मिल सकते हैं? शायद किसी और बरसात की रात में।" नील ने मेघा से कहा, "क्या हम फिर से मिल सकते हैं? शायद किसी और बरसात की रात में।...
समीरा को एक पुरानी डायरी मिलती है जिसमें प्रेम का रहस्य छुपा है। क्या प्रेम कभी असली हो सकेगा? समीरा को एक पुरानी डायरी मिलती है जिसमें प्रेम का रहस्य छुपा है। क्या प्रेम कभी ...
ष्मिताजी के विश्वास को पूरी तरह जीत लेने के बाद सुधीर ने उन्हें स्पष्ट बता दिया कि वह किरण जी को प्य... ष्मिताजी के विश्वास को पूरी तरह जीत लेने के बाद सुधीर ने उन्हें स्पष्ट बता दिया ...
वह आदमी और कोई नहीं बल्कि "अवयान सिंघानिया" ही था वह आदमी और कोई नहीं बल्कि "अवयान सिंघानिया" ही था
बाइक के हेंडल को थामे उसके हाथ ढीले पड़ने लगे थे बाइक के हेंडल को थामे उसके हाथ ढीले पड़ने लगे थे
फिर भी नहीं!" स्नेहा ने आँखें तिरछी करते हुए जवाब दिया। फिर भी नहीं!" स्नेहा ने आँखें तिरछी करते हुए जवाब दिया।
बेवफाई ही मिली सिर्फ वफ़ा के नाम से बेवफाई ही मिली सिर्फ वफ़ा के नाम से
मुझे और करीब ले आओ, अनिरुद्ध,” रश्मि ने भर्राई हुई आवाज़ में कहा। मुझे और करीब ले आओ, अनिरुद्ध,” रश्मि ने भर्राई हुई आवाज़ में कहा।
और इस तरह, बारिश के मौसम ने दो दिलों को मिलाया। और इस तरह, बारिश के मौसम ने दो दिलों को मिलाया।
मेरे प्यार की निशानी को तुमने अपने कफन से जोड़ लिया। मेरे प्यार की निशानी को तुमने अपने कफन से जोड़ लिया।
इज़ला हंसी, उसके गाल गुलाबी हो गए। "कोई खास मौका है?" इज़ला हंसी, उसके गाल गुलाबी हो गए। "कोई खास मौका है?"
लड़के से परिचय धीरे - धीरे गहरा होता चला गया। लड़के से परिचय धीरे - धीरे गहरा होता चला गया।
ज्यों ज्यों समय व्यतीत होता जा रहा था , शर्मिष्ठा की धड़कनें बढ़ने लगीं थी । ज्यों ज्यों समय व्यतीत होता जा रहा था , शर्मिष्ठा की धड़कनें बढ़ने लगीं थी ।
विवाह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे। विवाह में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखों में आंसू थे।
अरे... तुम इतना पैनिक क्यों होती हो ? शी इज़ माय फ्रेंड। अरे... तुम इतना पैनिक क्यों होती हो ? शी इज़ माय फ्रेंड।
लेकिन दोनों में से किसी में भी अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करने की हिम्मत नहीं थी। लेकिन दोनों में से किसी में भी अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करने की हिम्मत नहीं थी।
उसे उस पल में पता चल गया था कि वह इस आदमी के साथ अपना बाकी जीवन बिताने का सही फैसला कर लिया। उसे उस पल में पता चल गया था कि वह इस आदमी के साथ अपना बाकी जीवन बिताने का सही फै...