Manju Mehra

Romance

4.1  

Manju Mehra

Romance

इंटरनेट वाला लव

इंटरनेट वाला लव

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कभी सोचा न था प्यार ऐसे भी होता हैं, कोई अजनबी इतना खास कैसे बन जाता हैं। आपसे मिलने के बाद एहसास हुआ, सच प्यार इतना खूबसूरत होता हैं।

मैं घर मेंं सबसे बड़ी थी, अपने दादाजी की लाड़ली, पापा- मम्मी की गुडिय़ा थी। मेरी हर फरमाइश पूरी कर दी जाती थी, अगर कभी कोई बात के लिए मना किया जाता था तो मैं खाना-पीना छोड़कर पूरा घर सिर पर उठा देती थी। अन्त में सबको मेरी बात माननी पड़ती थी, कितनी खुश होती थी मैं जैसे कोई खजाना मिल गया हो।

बारहवीं पास करके कॉलेज गई, मम्मी का की पैड मोबाइल लेकर जाती थी। अभी मुझे पर्सनल मोबाइल नहींं मिला था।

आपको याद है, हमारी लव स्टोरी भी कितनी दिलचस्प है। हमारी इंटरनेट वाली लव स्टोरी कितनी मजेदार हैं। मेरी दोस्त तानिया ने अपने मोबाइल में मेरा फेसबुक अकाउंट बनाया, मैं जब भी कॉलेज जाती तभी फेसबुक चला पाती। हुआ कुछ यूँ था, कि मुझे टच स्क्रीन मोबाइल चलाना नहीं आता था। एक दिन कॉलेज में तनु के मोबाइल पर अपना फेसबुक अकाउंट खोला था कि अचानक आपको रिक्वेस्ट सेंट हो गई, आपकी तुरंत मैसेज आया- "सॉरी मैं लड़कियों से दोस्ती नहीं करता। मैंने भी बोल दिया कि मत करो, गलती से आ गई थी।

कुछ दिन बाद कॉलेज गई, फेसबुक खोला तो देखा आपका मैसेज आया था और आपने रिक्वेस्ट भी एक्सेप्ट कर ली थी। फिर तो धीरे-धीरे हमारी बातें होने लगी फेसबुक पर।

एक दिन आपने बताया कि आपका आर्मी का जॉइनिंग लेटर आ गया हैं, कितनी खुश हुई मैं, आपने मेरा मोबाइल नम्बर माँगा और मैंने दे दिया। आप अपनी ट्रेनिंग पर चले गए और मैं भी अपनी जिंदगी में बिजी हो गई। अचानक एक दिन पाँच महीने बाद आपकी कॉल आई । मैं तो भूल ही गई थी। फिर हमारी बातों का सिलसिला बढ़ता चला गया, हमारी बात शुरु हुए एक साल हो गया अब आपकी छह महीने की ट्रेनिंग हो गई, आप पन्द्रह दिन की छुट्टी पर आए और घर से आते वक्त हम मिले। पहली बार उस दिन हमने एक-दूसरे को देखा, आप मुझे देखे जा रहे थे और मेरी गर्दन नीचे झुकी हुई थी। आपको अच्छे से देखा भी नहीं। हमने साथ में बैठकर खाना खाया फिर आपकी ट्रेन का वक्त हो गया और आप चले गए। उस दिन आपने कहा था कि हम हमेशा दोस्त रहेंगे और आप प्यार में विश्वास नहीं करते, अनायास ही मेरे मुँह से निकल पड़ा कि इस न्यू ईयर से पहले आपको प्यार हो जाएगा।

कहते हैं, ना कि दिन में बोली गई एक बात हमेशा सच होती हैं। ऐसा ही हुआ भी, ग्यारह दिसम्बर को आपने मुझे कॉल पर बोला," आई लव यू, विल यू मैरी मी। और मैंने बोला हम केवल अच्छे दोस्त हैं। मैं शादी अपनी फॅमिली की पसंद से करूँगी पर आप कहाँ मानने वाले थे। जैसे ही आपकी ट्रेनिंग पूरी हुई आप पापाजी को लेकर हमारे घर पहुँच गए और मम्मी-पापा को भी आप पसंद आ गए और हमारी शादी फिक्स कर दी गई। उसके बाद आप जब भी छुट्टी आते हमेशा एक बार मिलने जरुर आते।

हमे साथ में वक्त का ही पता नहींं चलता और यूँ ही ड़ेढ साल गुजर गया और फाइनली हमारी शादी हो गई। मैं हमेशा के लिए आपकी हो गई।

मुझे पता ही नहीं चला कब आपकी सादगी, भोलापन मेरे दिल को छू गया और आप मेरी रुह में उतर गए। दिन पर दिन हमारा प्यार बढ़ा हैं। शादी के तीन साल होने वाले हैं, पता भी नहीं चला। जीवनसाथी से पहले आप मेरे परममित्र हैं, जिससे मैं बिना किसी झिझक अपनी हर बात बोल सकती हूँ। आप मुझे मुझसे ज्यादा जानते हैं, कैसे बिना कहें मेरी हर बात जान जाते हैं। हमारी फेसबुक वाली शादी के बारे में सोचकर ही मुस्कुराहट आ जाती हैं। मेरा इंटरनेट वाला लव मुझे मिल गया। इस तरह मुझे मेरा जन्म-जन्म का प्यार मिल गया।

वादा है, तुमसे सनम, ये इश्क ना होगा कम।

ये मेरी अपनी कहानी हैं, दोस्तों मुझे तो मेरा सच्चा प्यार मिला हैं। सच में प्यार का अपना ही अलग मजा हैं, वो पहली छुअन, वो पहली बिन मौसम बारिश भी कितनी अच्छी लगती हैं। आपकी पूरी दुनिया ही खूबसूरत हो जाती है।


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