अनमोल संस्कार
अनमोल संस्कार
"राधा तुम्हें शाम को मेरे दोस्त आकाश के यहां उसकी एंगेजमेंट पार्टी में शामिल होना हैं, मैं पांच बजे तक ऑफिस से आ जाऊंगा तुम तैयार रहना और हाँ हाई प्रोफाइल पार्टीज में बहुत बड़े-बड़े लोग आते हैं, पिछले बार की तरह मेरी बेइज्जती मत कराना, प्रिया को साथ लेकर कुछ अच्छा सा खरीद लेना, मैंने करन को बोला दिया हैं वो प्रिया को यहां भेज दें।"
और ऐसा बोलकर रोहित ऑफिस को निकल गया और राधा पिछली पार्टी के बारे में सोचने लगी। आखिर क्या गलती थी, यही ना उसने वो शार्ट ड्रेस पहनने से मना कर दिया था तो रोहित ने कितना बड़ा तमाशा बनाया था। प्रिया को देखो न, करन मुझसे कम कमाता हैं फिर भी प्रिया कितनी मॉडल बनकर फिरती हैं, क्या गजब की लगती हैं।
शाम हुई, रोहित घर आया तो देखा आज फिर से राधा ने हल्की सी गुलाबी शिफॉन की साड़ी पहनी हैं और उस पर चिल्लाने लगा, तभी करन और प्रिया आ गए और वो सभी पार्टी के लिए निकल पड़े।
बहुत ही बेहतरीन पार्टी थी। आकाश ने उन चारों का अभिवादन किया। तभी आकाश की मंगेतर अवनी एक खूबसूरत गाउन पहनकर आकाश का हाथ थामे सबसे रूबरू हुई और सगाई का कार्यक्रम संपन्न हुआ और नाच - गाना शुरू हुआ, सब एक दूसरे में व्यस्त थें और वहां राधा एक कोने में बैठी हुई थी। उसे ये शौर शराबे वाली पार्टियों में आना पसंद न था। तभी एक गेम का आयोजन किया गया और सभी पत्नियों से उनकी पसंदीदा परर्फोमेंस देने को कहा गया, प्रिया ने झट से डांस किया जो बहुत ही फूहड़ था। सबकी नजरें प्रिया पर ही थीं, दूसरा नम्बर राधा का था। राधा ने माइक पकड़ा और एक सुरीला सा गाना गाया, रोहित को तो उसके इस हुनर का पता भी न था।
एंगमेंट सेरेमनी के बाद चारों वापिस आने लगे तो करन बोला- भाभी आपकी आवाज में तो जादू है, हमें तो पता ही न था आपके इस टेलेंट का पर एक बात मेरी समझ नहीं आई। आप हमेशा ये साड़ी क्यों पहनती हो, कुछ अलग नया पहना करो, आखिर हम आधुनिक लोग हैं।
राधा ने विनम्रतापूर्वक ज़बाब दिया- आपके लिए साड़ी ओल्ड फैशन होगी पर मेरे लिए ये मेरी पहचान है, मैं भारतीय हूँ और साड़ी हमारा राष्ट्रीय परिधान है। इसे पहनकर मुझे मेरी मां के लिए अनमोल संस्कारों का बोध होता है। मेरी मां कहती थीं कि बेटा आधुनिकता पहनावे में नहीं विचारों में होनी चाहिए और मैं विचारों से आधुनिक हूं, ये साड़ियां मेरी खूबसूरती को निखारती हैं और मुझे ये एहसास दिलाती है कि मैं इनके जरिए अपनी खूबसूरत संस्कृति को जीवित रख पा रही हूं।