मुझे ये एहसास दिलाती है कि मैं इनके जरिए अपनी खूबसूरत संस्कृति को जीवित रख पा रही हूं। मुझे ये एहसास दिलाती है कि मैं इनके जरिए अपनी खूबसूरत संस्कृति को जीवित रख पा रह...
आखिर इंसान तो सभी एक हैं फिर यह जाति बंधन क्यों? आखिर इंसान तो सभी एक हैं फिर यह जाति बंधन क्यों?
वैसे प्रेरणा दायक संतों की भी संख्या कमतर नहीं है फिर चाहे रामरहीम हो या आशा राम वैसे प्रेरणा दायक संतों की भी संख्या कमतर नहीं है फिर चाहे रामरहीम हो या आशा राम
शहर छोड़कर माँ की सेवा के लिए गांव आ गई बीमार माँ का पूरा ख्याल रखा शहर छोड़कर माँ की सेवा के लिए गांव आ गई बीमार माँ का पूरा ख्याल रखा
अब तुम्हारी बारी है......छाप दो तुम भी अपने कदमों के निशान ....जहाँ चाहो वहाँ ....! अब तुम्हारी बारी है......छाप दो तुम भी अपने कदमों के निशान ....जहाँ चाहो वहाँ .....
अगले दिन स्थानीय अखबारों में इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया अगले दिन स्थानीय अखबारों में इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया