शीर्षक - जाति बंधन
शीर्षक - जाति बंधन
आज राहुल के स्कूल में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
सभी बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
राहुल ने विषय चुना वसुधैव कुटुंबकम
राहुल ने बोला की
"सभी जन्म लेने वाले प्राणी जीव जंतु एवं समस्त सृष्टि धर्म ग्रंथों के अनुसार परम ब्रह्म परमात्मा की बनाई हुई है एवं सभी के हृदय में वही निवास करते हैं फिर मनुष्य इस जाति धर्म के सूक्ष्म बंधन के जाल में पढ़कर क्यों व्यर्थ में रिश्ते तोड़ता है एवं अपने पराए के मोह में फंसकर दूसरों को अपने से अलग जानकर व्यर्थ उसे दुख देता फिरता है।"
आखिर इंसान तो सभी एक हैं फिर यह जाति बंधन क्यों?
यदि सही मायने में देखा जाए तो सभी की रचना एक समान सभी का जन्म मरण एक समान फिर यह भिन्नता क्यों?
आखिर इंसान के मन का ऐसा कौनसा सूक्ष्म विकार है जो इंसान को यह सब कुछ करने पर मजबूर करता है।
क्या !! इस विकार का समूल नाश नहीं किया जा सकता क्यों ? लोग सुधा पान को त्यागकर विषपान करने के लिए तत्पर रहते हैं।
काश हर इंसान के मन में वसुधैव कुटुंबकम की भावना जागृत हो जाए धरती पर स्वर्ग उतर आए ।
राहुल के इतना बोलते ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और सभी ने उसकी इस प्रकार के विचारों का खुले दिल से स्वागत किया।