I am kamini soni from jabalpur i aspire to be a writer
Share with friendsअपने भाई की कलाई पर राखी बांधी और सारे गिले-शिकवे दूर करते हुए दोनों परिवार फिर से एक ह
Submitted on 03 Aug, 2020 at 13:04 PM
वो कहते हैं ना कि सांप को जितना भी दूध पिला लो वह सांप ही रहेगा !
Submitted on 03 Aug, 2020 at 12:43 PM
परिवार में कलह का वातावरण ना होता तो आज एक हंसता खेलता परिवार यूं बर्बाद ना होता।
Submitted on 31 May, 2020 at 14:33 PM
सभी के मिले-जुले सहयोग की भावना से ही तो नए रिश्तों की शुरुआत होती है।
Submitted on 29 May, 2020 at 14:59 PM
यह स्वप्नलोक की दुनिया काश आज चलता हुआ वक्त यहीं थम जाए।
Submitted on 27 May, 2020 at 15:54 PM
अपने शरीर को पूर्णतया स्वस्थ्य चुस्त और दुरुस्त करने के लिए।
Submitted on 25 May, 2020 at 16:51 PM
काश ! फिसलते हुए वक्त को रोक ले यह घड़ी यह वक्त यही रुक जाए।
Submitted on 24 May, 2020 at 12:59 PM
उसका रस पीने के लिए ऐसे ही आज लाजो का अतृप्त मन मचल उठा था।
Submitted on 23 May, 2020 at 15:25 PM
मुंह दिखाई में सभी ने उसको अलग-अलग तरह के पौधे गिफ्ट में दिए ।
Submitted on 22 May, 2020 at 15:36 PM
नेहा के एक शुभ संकल्प से कितनें ही अशिक्षित बच्चों का जीवन संवर गया ।
Submitted on 20 May, 2020 at 13:35 PM
तुम्हारी इतनी हिम्मत तुम मेरे बेटे के साथ ऐसा व्यवहार करो
Submitted on 19 May, 2020 at 13:25 PM
पर बचत की आदत को आज भी नीरज और नीरजा ने अपनी जिंदगी में शामिल किया हुआ था।
Submitted on 18 May, 2020 at 14:09 PM
वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित करना है तो हमें किस राह पर जाना चाहिए।
Submitted on 17 May, 2020 at 14:33 PM
कितने ही ऐसे कारण होते हैं जो एक स्त्री को बंधन में जकड़ते चले जाते हैं !
Submitted on 15 May, 2020 at 10:21 AM
नारी के लिए इतनी पाबंदियां इतने बंधन कि उसे स्वयं के पैदा होने पर मलाल हो जाए
Submitted on 15 May, 2020 at 10:09 AM
और तभी एक स्त्री अपने घर परिवार को अपना संपूर्ण योगदान दे सकती है।
Submitted on 13 May, 2020 at 06:05 AM
क्यों ना इनको यादगार बना ले यह सोचते हुए वह चल पड़ी अपने कर्म क्षेत्र की ओर।
Submitted on 12 May, 2020 at 06:39 AM
जिसमें वह मजबूर औरतों की सहायता करती तथा लोगों में जागरूकता फैलाती।
Submitted on 12 May, 2020 at 06:13 AM
हर असफलता के पीछे कहीं ना कहीं डर का ही आविर्भाव समाहित होता है।
Submitted on 08 May, 2020 at 07:43 AM
क्योंकि प्रयास तो दूसरे जज की ओर से किया गया था और मित्र नें.........।
Submitted on 07 May, 2020 at 15:13 PM
गर्मी के मौसम में छतों पर बिस्तर और लाइट का प्रबंध कर दिया जाता
Submitted on 07 May, 2020 at 03:24 AM
हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए हम एक सुंदर और स्वच्छ वातावरण दे सकते हैं।
Submitted on 06 May, 2020 at 06:31 AM
सब सदस्य मिलकर एकमत होते हैं तो परिवार भी हंसता चहकता रहता है।
Submitted on 05 May, 2020 at 06:27 AM
आप दोनों गर्व से कहते कि मेरी बेटियां ही 100 बेटों के बराबर है
Submitted on 05 May, 2020 at 06:20 AM
नैनों से बह रही है मन की विकलता अधरों पर खामोशी नहीं जीवन में सरलता।
Submitted on 04 May, 2020 at 14:29 PM
अब यहीं से शुरू होती है आभा के जीवन में ग़लतफहमी की दीवार
Submitted on 02 May, 2020 at 10:07 AM
अब हसूं ना तो क्या करूं?तुमने इल्जाम भी इतना प्यारा लगाया है कि मैं वर्णन नहीं कर सकती
Submitted on 30 Apr, 2020 at 02:16 AM
हां बेटा रिश्ते हो या पशु पक्षी या पेड़ पौधे सभी प्यार की भाषा समझते हैं
Submitted on 29 Apr, 2020 at 10:52 AM
नए साल में मेरे कुछ संकल्प है जिन्हें पूरा करने की कोशिश जरूर करूंगी। 1- अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पहली प्राथमि...
Submitted on 31 Dec, 2019 at 16:16 PM
स्वयं के लिए और मेरे परिवार के प्रति जो भी मेरे संकल्प हैं वह सब इसी तरह पूरे होते रहे।
Submitted on 30 Dec, 2019 at 16:21 PM
जब जब मेरे देश ने विश्व में शान बढ़ाई है तब तब मुझको भारतीय होने पर गर्व हुआ।
Submitted on 29 Dec, 2019 at 14:53 PM
और मेरे दुख के आंसू कब खुशी के आंसू हैं बदल गए मुझे पता ही नहीं चला।
Submitted on 28 Dec, 2019 at 16:23 PM
आपने जो संकल्प लिया है उसे पुरी तरह से निभाना चाहिए... ईमानदारी की इससे अच्छी व्याख्या और क्या हो सकती है...?
Submitted on 27 Dec, 2019 at 16:10 PM
बस इंसान को जरूरत है कि वह टेक्नोलॉजी का सही सदुपयोग करें ना कि उसका दुरुपयोग।
Submitted on 26 Dec, 2019 at 16:14 PM
पता नहीं वह कौन सी दुनिया है जहां लोग इस तरह छोड़ कर चले जाते हैं ,अपनों को रोते बिलखते
Submitted on 25 Dec, 2019 at 16:53 PM
वह इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन को नई दिशा एवं नई राहें दे सकता है।
Submitted on 24 Dec, 2019 at 16:13 PM
मैंने अपने जीवन में जो सर्वश्रेष्ठ है किताब का अध्ययन किया है वह है - ‘सृजनात्मक जीवन’ उसके लेखक का नाम है - ‘Maxwell...
Submitted on 24 Dec, 2019 at 15:58 PM
जीवन को देखने का नज़रिया और जीवन जीने का दृष्टिकोण पूर्णतया बदल गया था,
Submitted on 24 Dec, 2019 at 13:35 PM
मुझे रक्षा बंधन की तस्वीर बहुत ही ज्यादा भावुक और द्रवित कर जाती है।
Submitted on 23 Dec, 2019 at 16:36 PM
मेरी बचपन से ही इच्छा थी कि मैं केरल घूमने जाऊं। पता नहीं क्यों केरल की आबोहवा वहां का
Submitted on 22 Dec, 2019 at 15:55 PM
दोपहर का समय था ,हमारे यहां एक अजनबी आया और उसने कहा कि वह हमारी चाचा की बेटी का देवर ह
Submitted on 21 Dec, 2019 at 14:39 PM
जब पापा वापस आए तो उन्होंने चाचा से पैसे मांगे चाचा ने वह पैसे देने से साफ इनकार कर दिया... उन लोगों ने कहा कि, आप यह घर...
Submitted on 17 Dec, 2019 at 06:05 AM
बचपन से तो नहीं कहा जा सकता पर हां जब से मैंने होश संभाला मेरा एक सपना था कि मैं अपनी जिंदगी में अपना खुद का एक अस्तित्व...
Submitted on 16 Dec, 2019 at 15:08 PM
हम सभी लोग इतना सहम गए कि सारी दिवाली का मजा किरकिरा हो गया । और आज भी मैं अनार बम से
Submitted on 14 Dec, 2019 at 12:43 PM
शायद उसके अंदर की ईश्वरीय अनुभूति थी जो उसको आगे जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान कर रही थी। और उसके कदम नवजीवन की ओर बढ़ चल...
Submitted on 13 Dec, 2019 at 06:59 AM
फिर हम लोगों का बाद में हंस हंस के जो बुरा हाल हुआ यह घटना में आज तक नहीं भूल पाई।
Submitted on 12 Dec, 2019 at 16:07 PM
उस दिन मेरी लेखनी विवश हो गई कि मैं यह सब देख कर समाज में फैली कुरीतियों को देखकर कुछ
Submitted on 08 Dec, 2019 at 13:57 PM
तुमने सही समय पर सही फैसला लेकर आज मेरी बेटी की जान बचा ली।
Submitted on 06 Dec, 2019 at 16:36 PM
इसी दौरान एक दिन मुझे ख़्वाब आया कि मेरे पिता बहुत बीमार हैं और उनकी मृत्यु हो गई
Submitted on 05 Dec, 2019 at 09:33 AM
और जब बिजली जोर से कड़कती थी तो मां हम सभी भाई-बहनों को लिपटाकर दिवार के किनारे सट कर खड़ी हो जाती थी।
Submitted on 01 Dec, 2019 at 15:56 PM
अब सिलसिला शुरू हुआ राहुल की नौकरी के लिए इंटरव्यू और एग्जाम का
Submitted on 30 Nov, 2019 at 13:16 PM
अपने पूरे आत्मविश्वास और सम्मान के साथ चल पड़ी जिंदगी की नई राहों में नई मंजिलें चुनने।
Submitted on 27 Nov, 2019 at 14:56 PM
एक झन्नाटेदार तमाचा गूंज उठा और मीना गश खाकर गिर पड़ी।और जब होश आया तो मन आजादी के लिए तड़पने लगा। तो क्या मीना आजाद हुई...
Submitted on 23 Nov, 2019 at 15:54 PM
और सफाई में कुछ कहने का मौका भी नहीं दिया जाता आखिर कब तक ? सीता की तरह अग्नि परीक्षा
Submitted on 21 Nov, 2019 at 14:55 PM
क्षमा मांग कर पापा के गले लग जाता है पापा आज से ऐसी गलती कभी नहीं होगी।
Submitted on 17 Nov, 2019 at 16:24 PM
आज कहीं ना कहीं छोटी के मन से इंसानियत और मानवता जैसे शब्दों की हत्या हो चुकी थी।
Submitted on 15 Nov, 2019 at 12:25 PM
अमन का सपना था एक बहुत बड़ा संगीत विद्यालय खोलने का ,लेकिन जीवन की भागदौड़ में परिवार क
Submitted on 13 Nov, 2019 at 14:54 PM
मैंने बाल मनोविज्ञान का अध्ययन करके आज एक बच्चे को पतन के गर्त में गिरने से बचा लिया।
Submitted on 09 Nov, 2019 at 13:27 PM