शीर्षक - नई शुरुआत
शीर्षक - नई शुरुआत
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उसका आना मेरी जिंदगी के लिए एक नई शुरुआत थी...... कितनी सुंदर स्लिम और फिट चेहरे पर एक नया नूर लिए जो भी देखे देखता रह जाए।
जैसी ही सरिता ने म्यूजिक क्लास के अंदर प्रवेश किया सभी की नजरें एक टक उसी को देखती रह गई कैसा गजब का आकर्षण था.......
मेरा भी हाल कुछ यही था अपलक सरिता को निहारते रह गई और अपने आप को उससे बात करने के लिए रोक ना पाई।
हेलो ! मैं मुग्धा
हाय ! मैं सरिता
मुक्त कंठ से मैने सरिता की प्रशंसा की एवं स्त्री स्वभाव वश उसके आकर्षक चेहरे का राज भी पूछ बैठी।
"मेरा शरीर उस समय बेडोल संरचना धारण किए हुए था बच्चों के पैदा होने के बाद अपनी ओर जरा भी ध्यान नहीं दिया था कमर फैलकर कमरा का रूप धारण कर चुकी थी
पर चेहरे से थोड़ा सुंदर था तो अपने शरीर की बनावट को आकर्षक रखने के लिए कभी प्रयास भी नहीं किया......"
आज अचानक सरिता को देखकर मेरे दिल में भी एक हूक उठ गई और सबसे पहले सरिता से यही प्रश्न किया कि तुम अपने आप को सुंदर रखने के लिए क्या करती हो ?
सहज भाव से सरिता ने कहा कि मैं रोज सुबह एक घंटा अपने शरीर के लिए देती हूं जिसमें मेरा सूक्ष्म व्यायाम , वाकिंग और योगाशामिल रहता है। बस थोड़ी सी कोशिश ही मेरा राज है जो मैं पूरी ईमानदारी से अपने शरीर के लिए करती हूं।
सरिता के मुंह से इतना सुनते ही मुझको को एक-एक करके अपने शरीर के प्रति के अत्याचार याद आने लगे मैं तो कुछ भी प्रयास नहीं कर रही थी और वहीं मैंने मन ही मन संकल्प लिया कि आज से मैं भी अपनी जिंदगी को नया मोड़ दूंगी।
हम स्त्रियां भी घर गृहस्थी और बच्चों की जिम्मेदारियों में उलझ कर अपने ऊपर ध्यान देना बिल्कुल बंद कर देते हैं फल स्वरूप हिस्से में आता है बेडौल शरीर और बीमारियां। हम यह भूल जाते हैं कि अपने शरीर के प्रति भी हमारी कुछ जिम्मेदारी है।
सचमुच आज सरिता का आना मेरी जिंदगी को एक नई दिशा दे गया और चल पड़ी अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत करने.....अपने शरीर को पूर्णतया स्वस्थ्य चुस्त और दुरुस्त करने के लिए।