और फिर मंद मंद मुस्कुराना उसका मीठा सा उलहाना उसका और फिर मंद मंद मुस्कुराना उसका मीठा सा उलहाना उसका
खुद का गुरूर बरकरार रखना मन में जुनू को तैयार रखना मकसद में जितनी मायूसियत मिले रफ्तार ... खुद का गुरूर बरकरार रखना मन में जुनू को तैयार रखना मकसद में जितनी मायू...
काश ख़ुदा उन्हें भी कुछ समझ आ जाये जो ख़ुद को समझदार मानकर नादान हो गए।। काश ख़ुदा उन्हें भी कुछ समझ आ जाये जो ख़ुद को समझदार मानकर नादान हो गए।।
वक्त आज तुम्हारा है कल जानें किसका होगा कौन। वक्त आज तुम्हारा है कल जानें किसका होगा कौन।