आंसू ये नहीं है झूठे तेरे लिऐ ही बहे प्यार मेरा है उसमें आंसू ये नहीं है झूठे तेरे लिऐ ही बहे प्यार मेरा है उसमें
बंद मुट्ठी में क़ैद सी है और खुली हथेलियों में आज़ाद पंछी। बंद मुट्ठी में क़ैद सी है और खुली हथेलियों में आज़ाद पंछी।
काश ख़ुदा उन्हें भी कुछ समझ आ जाये जो ख़ुद को समझदार मानकर नादान हो गए।। काश ख़ुदा उन्हें भी कुछ समझ आ जाये जो ख़ुद को समझदार मानकर नादान हो गए।।