महफ़िल में तेरे
महफ़िल में तेरे


ना तेरी चाहत रही
ना मेरी मोहब्बत सही
तेरे मन में नफ़रत की
आग जलती रही
गर्दिश में बिखर जाऐ
ऐसा मेरा गीत नहीं
तेरे महफ़िल से
जनाज़ा उठे मेरा
ना कम होगी ये मेरी प्रित
ना होगी तेरी कभी जीत
रग रग मे दर्द से वाकिफ़ हूँ
में बेवफा कैसे कहूं
दिल में धड़कती रहे
दर्द दे के तू सभी
ना छोडू तूझे
पाने के लिऐ
ना पाऊं तूझे जताने
के लिऐ.
आंसू ये नहीं है झूठे
तेरे लिऐ ही बहीते रहै
प्यार मेरा है उसमें
जो अकेले घूट-घूट रोये
ना बिखरे तू मुझे
खोने के बाद
तोबा जिंदगी
कम्बख्त है
दिल का गुलाम बना के
हजारो बहाने किये तूझे
भूलाने के तू याद आती रही
मुझे सताने के लिऐ
गर्दिश में बिखर जाऐ
ये मेरा गीत नहीं।