पागल
पागल
रोका हर बार उसको
मरे करीब आने से
वो इतना करीब आयी
तोड़ के रिश्ता मेरा दिल में लिपट गयी
वो दिन खुशी का था
वो जखम दे गया
गम को कलजे में रखे
मैं आंसू पी के रोया
छोडने के लिए उसके पास बहाना था
मरे लिए तो वही सारा था
ये होता हे जब सब निछावर कर दो तो
हम इशक किये थे भूल ना पायेंगे मर मिटे ही तो
साला ये दुनिया पागल हे जो दिमाग की ना
सुने तो.......