गुजरो न बस तुम ख्याल की तरह
गुजरो न बस तुम ख्याल की तरह
गुजरो न बस तुम ख्याल की तरह
आ जाओ जिंदगी में मेरे बहार की तरह
कब तक तनी रहोगी पेड़ की तरह
आकर गले मिलो डाल की तरह
ऑसू मेरे फिर से छलक पड़े
लग जाओ ऑखो से मेरे रूमाल की तरह
तेरे बिन मुझको है गम बहुत
आ जाओ जिंदगी में मेरे बहार की तरह
बैठ गयी हो तुम मेरे जेहन में इस कदर
दर्द उठता है सीने में मेरे गणित के सवाल की तरह.