नई कहानियाँ
नई कहानियाँ
फिर से लिखूंगा सफलता की नई कहानियाँ,
रुका नहीं हूँ, बस ठहरी हैं निशानियाँ।
अभी मुकम्मल हुआ कहाँ सफर मेरा,
मेरे दम से ही रोशन हैं ये जगमगियाँ।
जो गिरा भी तो हौसले के साथ उठा हूँ,
अपने इरादों से ही अपनी राह चुना हूँ।
वक्त मेरा इम्तिहान ले ले जितना चाहे,
मैं वही हूँ जो खुद को फिर से गढ़ा हूँ।
अब हर सुबह मेरे नाम की दास्तान कहेगी,
हर शाम मेरी जीत की पहचान गढ़ेगी।
जो सपना था, वो अब हकीकत बनेगा,
क्योंकि मैं फिर से लिखूंगा—नई कहानियाँ!
कुमार सिर्फ ठहरा है हारा नहीं है
चाहे वो आज किसी का प्यारा नहीं है
वक्त वक्त की बात है, ये वक्त जानता है
जो दूसरे से हो रौशन वो सितारा नहीं है
बनकर ध्रुव तारा आसमान करेगा रौशन
अंधेरों से क्या डरना,वो खुद खत्म हो जायेगा
इसमें खप गयी मेरी अच्छी खासी जवानियां
फिर से लिखूंगा सफलता की नई कहानियाँ
