समलैंगिक_सफ़र
समलैंगिक_सफ़र
हमें इस समलैंगिक सफ़र को मुकाम देना चाहिए,
समलैंगिकता भरे इस रिश्ते को अब एक नाम देना चाहिए...
चाहे जितना कोशिश करे ये दुनिया हमें अलग करने की,
हमें और कस कर एक-दूजे का हाथ थाम लेना चाहिए...
कलंकित हम कैसे हुए जो समलैंगिक हुए,
दुनिया को वापस उसका इल्ज़ाम लेना चाहिए...
मार के समलैंगिको को फिर उनकी मौत पे फूटकर रोना,
दुनिया के इस अभिनय के लिए इनाम देना चाहिए...
तेरा-मेरा बिछड़ जाना मजबूरी था मंजूरी नहीं,
तो खत्म ये मजबूरी सर ऐ आम होना चाहिए....
तू और मैं मिलकर इस समाज को जागरूक करते है,
जब लिया है कार्यभार समलैंगिकता का तो मुकम्मल ये काम होना चाहिए...
अगर इश्क़ कुर्बान हो जाये इस मुहिम में अपना तो अफसोस क्या,
कोशिश ये हो कि अब नहीं किसी सांझ (aarish)से जुदा उसका राम होना चाहिए...