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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance

ग़ज़ल

ग़ज़ल

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दर्द हद से बढ़ गया औ जख्म भी गहरा हुआ।

सिर्फ यादों का तुम्हारे रात भर पहरा हुआ।


अब नजर आती नहीं उसको किसी की गलतियां।

आंख उसने बंद कर ली कान से बहरा हुआ।


वह हकीकत को किसी के सामने कैसे कहे।

जिसके चेहरे पर हमेशा सैकड़ों चेहरा रहा।


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