Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी
Romance
दर्द हद से बढ़ गया औ जख्म भी गहरा हुआ।
सिर्फ यादों का तुम्हारे रात भर पहरा हुआ।
अब नजर आती नहीं उसको किसी की गलतियां।
आंख उसने बंद कर ली कान से बहरा हुआ।
वह हकीकत को किसी के सामने कैसे कहे।
जिसके चेहरे पर हमेशा सैकड़ों चेहरा रहा।
नात
आ गया फिर बहा...
इतना प्यारा त...
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सगीर अहमद सिद...
ग़ज़ल
कुछ न पूछिए
हिंदी
रफ़ूगर जो मिल जाता कहीं, इस कदर नहीं भटकते रफ़ूगर जो मिल जाता कहीं, इस कदर नहीं भटकते
उसे है मिलती मुहब्बत जमाने में वैभव जिसे वफ़ाओं पे ख़ुद इख़्तेयार रहता है। उसे है मिलती मुहब्बत जमाने में वैभव जिसे वफ़ाओं पे ख़ुद इख़्तेयार रहता है।
आज एक चाहत है, एक ख्वाहिश है तुझसे आज दिल की हर बात कह दूं आज एक चाहत है, एक ख्वाहिश है तुझसे आज दिल की हर बात कह दूं
ये जो प्यार है, बहका हुआ, तेरी खुशबुओं से महका हुआ, ये जो प्यार है, बहका हुआ, तेरी खुशबुओं से महका हुआ,
निकले हैं पंख कल्पना के, मैं उड़ता दूर गगन में हूं । निकले हैं पंख कल्पना के, मैं उड़ता दूर गगन में हूं ।
देखा नए लोग आ गए वहाँ अपना घर बसाने के लिए। देखा नए लोग आ गए वहाँ अपना घर बसाने के लिए।
मतलब तुम इतनी हिम्मत कहाँ से लाते हो ? मतलब तुम इतनी हिम्मत कहाँ से लाते हो ?
परिंदा इम्ति़हान में है तू परिंदा इम्ति़हान में है तू
लेकिन हमारी खामोशी से, उनकी जुबां खुलने लगी है। लेकिन हमारी खामोशी से, उनकी जुबां खुलने लगी है।
जिसके होने भर से मेरा रोम रोम में हो जाता हूं। जिसके होने भर से मेरा रोम रोम में हो जाता हूं।
एक चाहत थी मेरी हर डर को जीत लेने की आज तुझे खोने के डर से भागने को जी चाहता है। एक चाहत थी मेरी हर डर को जीत लेने की आज तुझे खोने के डर से भागने को ...
बस इन्हीं लफ्जों में दिल की बात रखता हूं, शायद तुम समझ सको मेरी खामोशी। बस इन्हीं लफ्जों में दिल की बात रखता हूं, शायद तुम समझ सको मेरी खामोशी।
अधजगी रातों में, तेरे जिस्म की गर्मी तब याद आती है। अधजगी रातों में, तेरे जिस्म की गर्मी तब याद आती है।
उस शाम का मैं हर रोज इंतजार करती हूं एक अनोखी, मतवाली, सुनहरी शाम। उस शाम का मैं हर रोज इंतजार करती हूं एक अनोखी, मतवाली, सुनहरी शाम।
“नादानी की हद तो देखो मेरे सनम की ये मुझे खोकर मुझ जैसा ढूढ़ रही हैं।” “नादानी की हद तो देखो मेरे सनम की ये मुझे खोकर मुझ जैसा ढूढ़ रही हैं।”
प्रेम अगर तुम करना चाहो तो पहले मन के निर्मल भावो से, प्राणों में,प्रेमी के उतर जाने प्रेम अगर तुम करना चाहो तो पहले मन के निर्मल भावो से, प्राणों में,प्रेमी क...
जानती हूँ उसे अब कभी ना देख पाऊंगी उससे मिलने उसके पास इक दिन जरूर जाऊँगी। जानती हूँ उसे अब कभी ना देख पाऊंगी उससे मिलने उसके पास इक दिन जरूर जाऊँगी।
तन्हा हूं तन्हा ही रहूंगा उसके होने का एहसास दिलाओ ना मुझे। तन्हा हूं तन्हा ही रहूंगा उसके होने का एहसास दिलाओ ना मुझे।
क्या वो तुम्हीं हो जिसकी याद अक्सर मुझे आती है। क्या वो तुम्हीं हो जिसकी याद अक्सर मुझे आती है।
आपका हो जाना चाहते हैं हम अब ज़िन्दगी को जी जाना चाहते हैं। आपका हो जाना चाहते हैं हम अब ज़िन्दगी को जी जाना चाहते हैं।