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Monika Jayesh Shah

Romance

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Monika Jayesh Shah

Romance

चाहत

चाहत

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रोज कोई चाहता है बात करें।

रोज कोई चाहता है याद करे।

रोज कोई चाहता है हम मिले।


रोज कोई चाहता है .. कोई ऐसा हो

जो दिल से कोई अपना साथ दे..

बिना कुछ कहे अपना हाथों में हाथ दे.. 

कहे चल तुझे कहा जाना हैं.

में हर वक्त तुम्हारे साथ हूं।


मंजिल मिले ना मिले पर..

कुछ पल सुकुन के मिले।

कोई ऐसा तो हो जो हमे

 ख्वाबों की दुनिया में ले जाएं ..

हा वो हकीकत ना भी हो.. पर

 उसमें हमें अपनी ज़िंदगी मिल जाएं।


कोई किसी का साथ ज़िंदगी भर नहीं पूरता..

पर कुछ पल का उसका साथ हमें ज़िंदगी दे जाता हैं

वही हमारी एक लिखी हुई बेशुमार कविता को 

ज़िंदगी भर जीवन का अच्छा दान दे जाता हैं !


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