दान कैसा भी हो हरेक दान का अपना महत्व है. दान कैसा भी हो हरेक दान का अपना महत्व है.
क्षण भंगुर संसार है यह, मिट्टी का है तू, मिट्टी में मिल जाएगा। क्षण भंगुर संसार है यह, मिट्टी का है तू, मिट्टी में मिल जाएगा।
बरसेगी अग्नि प्रलय जो प्रकृति का नहीं करोगे मान। बरसेगी अग्नि प्रलय जो प्रकृति का नहीं करोगे मान।
माँ ! तू खुद को ठगती है, जब मुझको पराया कहती है। माँ ! तू खुद को ठगती है, जब मुझको पराया कहती है।
फिर भी मैं पराई हूँ फिर भी मैं पराई हूँ
सत्य से शि... सत्य ...