ज़िंदगी
ज़िंदगी
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ज़िंदगी मुझसे भी मिल
कभी तो हमे गले लगा ले..
एक सुकुन भरा अहसास दिला दे..
ए जिंदगी जितना हमने पाया है..
बहुत है हमारे लिए..
अब कोई अपेक्षा नहीं है हमे..
ना ही उसके लिए कोई गिला या शिकवा है..
अब तो बस हम यही चाहते की..
सुकुन के दो पल मिले... और..
अपनों के साथ दो पल बतियाने को मिले..
घर आंगन खुशियों से महका रहे !