तुझे ही चाहूँगा
तुझे ही चाहूँगा
जीवन के हर मोड़ पे तुझे ही मैं चाहूँगा,
सदा तुझे ही पाने कोशिश मैं करूँगा,
अपने सीने में सदा तुझे ही मैं रखूँगा,
जीवन के हर मोड़ पे तुझे ही मैं चाहूँगा ।
दुनिया में यूं तो लाखों लोग मुझे मिलते हैं,
और तू ही वो है जो दिल में ही बसती है,
बंद आँखों में भी मुझे सदा तू ही दिखती है,
तू ही साँसों में, मेरे रोम-रोम में बसती है,
फिर भी मेरे प्यार को कब समझती है,
मैंने खाई है क़सम कि तुझे ही मैं चाहूँगा,
सदा तुझे ही पाने की कोशिश में रहूँगा,
अपने सीने में सदा तुझे ही अब मैं रखूँगा,
जीवन के हर मोड़ पे तुझे ही मैं चाहूँगा ।
चाहे तू प्यार से देखें, चाहें करें नफ़रत,
मेरे दिल से ना होगी कभी तू रुखसत,
तुझसे किया हैं प्यार, तेरी पूजा करूँगा,
दिल में बिठाकर मैं तुझे अब संवारूँगा,
प्यार को तेरे दिल में भी अब जगाऊँगा,
मैंने खाई है क़सम तुझे हर पल मैं चाहूँगा,
तुझे पाने की कोशिश ही सदा मैं करूँगा,
सीने में मेरे सदा अब तुझे ही मैं रखूँगा,
जीवन के हर मोड़ पे तुझे ही मैं चाहूँगा ।

