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Jayan Nair

Romance

4  

Jayan Nair

Romance

मेरा दिल

मेरा दिल

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मेरा दिल, मेरा दिल, मेरा दिल,

मानो न कहाँ चला गया है दिल,

किसी के प्यार में पागल है दिल,

मेरा दिल, मेरा दिल, मेरा दिल।


चाहे वो मुझे चाहे या ना चाहे,

सपनों में खोया रहता हैं दिल,

समझाता हूँ मैं भी उसको हर दिन,

जब उसके सीने में ना है कोई प्यार,

क्यों खोया रहता हैं तू यू बेकार,

दिल है मेरा, कोई शीशा नहीं,

कि हर बार कोई नया चेहरा हो,

फिर भी पागल है उसके प्यार में,

मेरा दिल, मेरा दिल, मेरा दिल ।


ना जाने क्या आस बाँधे हुए,

दिन रात यू ही धड़कता है,

उसे पाने की आस में ये दिल,

सपनों में सदा खोया रहता हैं,

ना ही प्यास, ना ज़ीने की आस,

भूख भी नहीं है अब तो आसपास,

बस किसी के इंतजार में दड़कती हैं,

उम्मीद से अब ये जिंदगी चलती हैं,

मेरा दिल, मेरा दिल, मेरा दिल ।


ना ज़ीने की चाह, ना तो कोई राह,

सपनों के सच होने की लगी है आस,

पास सदा ही रहे दिल की वो है प्यास,

चूम ले उन्हें इस क़दर न जाए वो दूर,

मुझे तो वो लगती हैं वो हुस्न की नूर,

प्यासा ना रह जाए अबके मेरा दिल,

मूरत उसीकी है खोल देखे मेरा दिल,

मेरी धड़कन बस उसे पुकार रही हैं,

वो हैं मेरा दिल, मेरा दिल, मेरा दिल ।



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