दिल तो पागल हैं
दिल तो पागल हैं
मुझे माफ़ करना पुष्प, मैं अपने दिल को समझा न पाया,
तुम्हें तो पता ही होगा कि दिल के पास दिमाग़ नही होता,
तभी तो आज़ तक वो मेरी बात नहीं समझ पाया,
दिल ने तुझे इस कदर अपनाया है कि मैं लाचार सा बन गया,
हर जगह तेरा ही नाम लिखता रहता हैं, बड़ी बड़ी नादानियाँ करता हैं,
एक महीने तक मेरे दिमाग़ को दिल पे भारी होने दिया,
दिमाग़ ने पुष्प तुझसे एक महीना बात न करने का फैसला लिया,
ताकि दिमाग़ दिल पर कुछ पल भारी हो जाए और,
दिल अपना रास्ता बदल दे और दिमाग़ से वो पंगा न ले पाएगा,
पर ऐसा न हुआ, एक ही महीने बाद फिर से दिल दिमाग़ पे हावी हुआ,
और पिछली बार की तरह फिर से मैं लाचार हो गया,
तुमको मुझसे नाराज़ हो जाने का पूरा हक़ है,
मुझसे अब बातें ना करने का भी पूरा हक हैं,
पर मुझे भी तो मेरे यार थोड़ा ज़ीने का हक़ हैं,
दिल बड़ा ही नाज़ुक होता हैं हर किसी का,
उसको समझाने अब तुझे पूरा हक हैं ।