हमारी समझ
हमारी समझ
काश! मैं तुमको समझ पाता ,
या तुम मुझे समझा पाती !
ऐसा नहीं है कि तुम हमें नहीं समझती ,
या नहीं समझता हूँ मैं,तुमको
मगर हमारी समझदारी और हमारी समझ के बीच न जाने ,
ये सूक्ष्म फासला पट नहीं पाता !
पर एक- दूसरे को समझने की खातिर हमने समर्पित कर दिया है एक - दूसरे को ।
और समय के साथ हम जरूर समझ लेंगें एक - दूसरे को !
वो दिव्य दृष्टि हम जरूर पा लेंगें समय के साथ जिससे हम एक- दूसरे की साँस बनकर समझ की खाई को हमेशा के लिए पाट देंगें ।
आखिर हम बने ही हैं एक- दूसरे का अंतिम साँस तक साथ निभाने का जज्बात से ।