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Brijlala Rohanअन्वेषी

Action Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Action Inspirational

एक अतिरिक्त राखी

एक अतिरिक्त राखी

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 थाल मैं सजाई हूं,         

 राखी भी लाई हूं,          

एक अतिरिक्त राखी बांधूंगी आज!                 

एक अतिरिक्त वचन मांगूंगी आज ,                

एक अतिरिक्त राखी उन असंख्य बहनों के तरफ से         

 एक अतिरिक्त वचन उन असंख्य बहनों के लिए,          

  संकट के समय रक्षा का वचन जो मुझसे निभाये हो;         

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sp;जिस तरह लाड़ली बहना के रूप में मुझे अपनाए हो।         

 है राखी की सौगंध, ऐ मेरे भाई ! जिस तरह मेरे लिए शेर हो;   

उन बहनों के लिए भी शेर ही रहना गीदड़ मत बन जाना तुम !     

संकट के समय मेरे ही तरह मेरी इस अतिरिक्त राखी का लाज बचाना तुम ।            

 एक अतिरिक्त राखी आज मैं स्वयं बांधूंगी,             

स्वयं की आत्मरक्षा की बीड़ा अब स्वयं मैं ठानूंगी                

 एक अतिरिक्त राखी बांधूंगी आज ! .... 



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