एक अतिरिक्त राखी
एक अतिरिक्त राखी
थाल मैं सजाई हूं,
राखी भी लाई हूं,
एक अतिरिक्त राखी बांधूंगी आज!
एक अतिरिक्त वचन मांगूंगी आज ,
एक अतिरिक्त राखी उन असंख्य बहनों के तरफ से
एक अतिरिक्त वचन उन असंख्य बहनों के लिए,
संकट के समय रक्षा का वचन जो मुझसे निभाये हो;
&nb
sp;जिस तरह लाड़ली बहना के रूप में मुझे अपनाए हो।
है राखी की सौगंध, ऐ मेरे भाई ! जिस तरह मेरे लिए शेर हो;
उन बहनों के लिए भी शेर ही रहना गीदड़ मत बन जाना तुम !
संकट के समय मेरे ही तरह मेरी इस अतिरिक्त राखी का लाज बचाना तुम ।
एक अतिरिक्त राखी आज मैं स्वयं बांधूंगी,
स्वयं की आत्मरक्षा की बीड़ा अब स्वयं मैं ठानूंगी
एक अतिरिक्त राखी बांधूंगी आज ! ....