Hoshiar Yadav

Action Fantasy

4  

Hoshiar Yadav

Action Fantasy

नूर गुलाबी ओढ़कर

नूर गुलाबी ओढ़कर

2 mins
449


नूर गुलाबी ओढ़कर, प्रभु करे निवास,

मनोकामना पूर्ण हो, आये सबको रास,

उसकी कृपा से ही, आये जन को सांस,

उसके ही आधीन, बनकर उनका दास।


नूर गुलाबी ओढ़कर, करता है इंसाफ,

दोषी को सजा मिले, निर्दोष हो माफ,

उसके ही प्रताप से, करते सभी जाप,

पापी कितने ही हो, कर देता है साफ।


नूर गुलाबी ओढ़कर, जन को देता बल,

गरीब इंसान सदा, बन जाता है सबल,

हर समस्या का वो, करता पल में हल,

हर जगह मिलता है, वायु हो या जल।


नूर गुलाबी ओढ़कर, दिखलाता है रूप,

इज्जत मान बढ़ जाये, बेशक हो कुरूप,

पूजा सभी हैं करते, लेकर हाथ में धूप,

उसके ही आधीन है, रंक हो या भूप।


नूर गुलाबी ओढ़कर, भर दे मन में जोश,

उसकी लाठी जब पड़े, खो देता है होश,

जिसने नाम ना जपा, उसे है अफसोस,

अंतिम सत्य रूप में, ले लेता आगोश।


नूर गुलाबी ओढ़कर, बूझा देता है प्यास,

जहां भी देखो मिले, वो अपने ही पास,

उसके नाम के बिन, मन ही रहे उदास,

पाकर उस प्रभु को, भरे मन में उल्लास।


नूर गुलाबी ओढ़कर, कर देता उजाला,

साधु संत ज्ञानी जन, रटते उसकी माला,

अधिक बोले जो जन, लगे मुंह पे ताला,

रोष में जब वो आये, मिटे जो भी काला।


नूर गुलाबी ओढ़कर, करता मन में वास,

पाप बुराई का सदा, पल में करता नाश,

एक दिन दर्शन हो, मन की इच्छा काश,

शक्ति कैसी भी हो, बिखरे जैसे हो ताश।


नूर गुलाबी ओढ़कर, देता दर्शन वो संत,

पापी जितने भी हो, करता पल में अंत,

उसकी शक्ति मिलती, जीवन रूप अनंत,

पतझड़ वो लगता है, लौट आया बसंत।


नूर गुलाबी ओढ़कर, सुनाता है जग राग,

अनिष्ट देखकर उसे, जाते पल में ही भाग,

क्यों सोया है मानव, अब तो प्यारे जाग,

पापी को वो डस ले, बन के वो एक नाग।


नूर गुलाबी ओढ़कर, ईश्वर मिलता नाम,

गरीब अनाथ बेसहारा, करता सारे काम,

उसका अजब निराला होता है एक धाम,

वो चाहे तो कर देता, पल में ही वो शाम।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action