विषय-सावन का सोमवार
विषय-सावन का सोमवार
सावन माह शिव को समर्पित,
करते हैं जप, तप, व्रत विचार,
सोच समझकर खाना लेते जन,
शिव की भक्ति अमिट अपार।
सावन का जब आये सोमवार,
शिव आराधना का दिन होता,
पूरे साल जिसने पाप किया है
वो भी अपने पाप कर्म धोता।
अपार शक्ति लिये होते शंभू,
जिसके आगे शक्ति है जीरो,
उसकी भक्ति में सुख मिले,
बन सकता है जग में हीरो।
शिव तपस्या का होता माह,
शिवरात्रि का आता है पर्व,
शिवभक्त कांवड़ लाते चल,
होता उन भक्तों पर ही गर्व।
सावन माह का बड़ा महत्व,
उससे महत्वपूर्ण है सोमवार,
शिव आराधना दिनभर चले,
शिव शक्ति जग का आधार।
विभिन्न रूपों में समाये शिव,
त्रिनेत्र धारी जग में कहलाते,
अल्प ज्ञान से उनको पुकारो,
शिवभोले बस चलकर आते।
सावन का आता है सोमवार,
भर देता मन उमंग और प्यार,
बेलपत्र,गंगाजल से कर पूजा,
जग में कभी नहीं होगी हार।
जग में सबसे ज्यादा पूजा हो,
वो शिव शंभू जगत में निराले,
थोड़ा देकर ही प्रसन्न कर लेते,
इसलिये कहलाते हैं भोलेभाले।
छह माह सरस्वती में तप कर,
शिवभोले ने यह पाई है शक्ति,
वक्त सोमवार सावन माह का,
करलो करलो थोड़ी सी भक्ति।
जिसने व्रत करने हैं सोमवार,
शुभारंभ होता इस दिन खास,
प्रतिदिन सावन कर पूजा तो,
मिटे अंधकार, बुराई हो नाश।
शुभ रहे सावन का सोमवार,
सब पर बरसे खुशियां हजार,
पाप, बुराई नाश हो जगत से,
पूजा करने को खड़े हैं तैयार।
