तेरी अदाओं का यह जाल
तेरी अदाओं का यह जाल
तेरी अदाओं का यह जाल,
फंसाकर कर दे बुरा हाल,
कभी दर्द देता है बड़ा भारी,
बदल देता जमाने की चाल।
तेरी अदाओं का यह जाल,
कर सकता जग में कमाल,
अनोखी अदाएं देख देखके,
दे रहे लोग ताल पर ताल।
नहीं सुबह में मिलता चैन,
ना मिलता रात को आराम,
तेरी अदाओं का यह जाल,
सुलझने न दे जिंदगी काम।
मर मर के जी रहा जमाना,
देख अदाओं का यह जाल,
होश हवास भूल जाते सभी,
कर देता है ऐसे ही कमाल।
नींद आंखों की गायब हुई,
लगता नहीं सोये सौ साल,
दिल को चैन नहीं मिलता,
देख अदाओं का यह जाल।
तड़पते भी देखे घायल जन,
अदाओं का देखके जंजाल,
बे-तैरणी नदी में फंस गयेे,
सोच सोच हुआ बुरा हाल।
कभी दामन को बचाते थे,
अब भीग गया देखों सारा,
कहां जाए कुछ होश नहीं,
देखके अदाओं का इशारा।
तेरी अदाओं की नदी में,
डूब गये कितने ही लोग,
देखा अदाओं का ये जाल,
लगता अजब यह संजोग।
तेरी अदाओं के इस जाल,
फंसे पड़े रहे सालों साल,
कभी लगता दिन भी रात,
मर रहे कितने ही अकाल।
अदा निराली पनघट पानी,
ठुमक ठुमक चलती रानी,
कसम उठाते दूर ही रहेंगे,
अब तो दिल में यह ठानी।
तेरी अदाओं का यह जाल,
टूटेगा नहीं कर देता बेहाल,
मृत्युपाश सदृश लगे कभी,
कभी लगता लाल गुलाल।।