रोते हुए बच्चों को सुलाने को करती होंगी माँ जतन दिखाकर चाँद आसमान में 'मेरा चन्दा है तू, मेरा सूर... रोते हुए बच्चों को सुलाने को करती होंगी माँ जतन दिखाकर चाँद आसमान में 'मेरा च...
औरतें अपनी गोल-गोल आँखों में छिपा लेती हैं दर्द के आँसू हृदय में तारों-सी वेदना और जिस्म पर पड... औरतें अपनी गोल-गोल आँखों में छिपा लेती हैं दर्द के आँसू हृदय में तारों-सी व...
फिर भी ना जाने क्यों करवाचौथ का व्रत वो रखती थी, शायद उसे नयी सुबह आने का इंतज़ार था, या सच कुछ और था फिर भी ना जाने क्यों करवाचौथ का व्रत वो रखती थी, शायद उसे नयी सुबह आने का इंतज़ार...
और रधुवंशी स्वयं को गर्व से फिर भी बताते। और रधुवंशी स्वयं को गर्व से फिर भी बताते।
काकी नहींं कुनबे को नूर थी। मन मे बसी काकी चली गई दूर थी। काकी नहींं कुनबे को नूर थी। मन मे बसी काकी चली गई दूर थी।
तुम्हारे हर एक व्रत का कारण बन पाते बस हम तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे हो पाते। तुम्हारे हर एक व्रत का कारण बन पाते बस हम तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे हो पाते।