उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे उसका गीत गाके महफिल सजा लेती हूं ये कविता लिख कर पा लिया करती हूँ उसे
मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं । मैं जीना सीख गई हूं मैं अपनी कहानी से सन्तुष्ट हूं ।
खुदको साबित करके उड़ाने है सबके होश। खुदको साबित करके उड़ाने है सबके होश।
दिन और भी कट जाएंगे मेरे चिंतित मन को और सताएंगे पर मैं खश हूँ और खुश ही रहूंगा सब की याद मन में ताज... दिन और भी कट जाएंगे मेरे चिंतित मन को और सताएंगे पर मैं खश हूँ और खुश ही रहूंगा ...
छुप-छुप छम- छम बरसा करती थीं जो अँखियाँ कहती हैं मुझसे अब मुस्कुराने को मन चाहता है छुप-छुप छम- छम बरसा करती थीं जो अँखियाँ कहती हैं मुझसे अब मुस्कुराने को मन चाहता...
Feelings of a father towards his children :) Feelings of a father towards his children :)