सारी वसुधा होगी अपना कुटुंब, सारा विश्व प्यारा होगा। सारी वसुधा होगी अपना कुटुंब, सारा विश्व प्यारा होगा।
इस बात का अफ़सोस रहेगा काश तुम ही पूछ लेते की मेरा रवैया क्यों बदल गया था इस बात का अफ़सोस रहेगा काश तुम ही पूछ लेते की मेरा रवैया क्यों बदल गया था
पेड़ लगाते हैं गांव वाले, और छाया ले लेते हैं शहरवाले, तुम जैसे बादलों की वजह से, खुदख़ुशी कर लेते ... पेड़ लगाते हैं गांव वाले, और छाया ले लेते हैं शहरवाले, तुम जैसे बादलों की वजह ...
दुआ देता हूँ उनको जिसने अनाथालय बनाया ना परिवार होते हुए भी सबने मिलकर परिवार का एहसास कराया। दुआ देता हूँ उनको जिसने अनाथालय बनाया ना परिवार होते हुए भी सबने मिलकर पर...
इस बार प्रहरी फिर मरे। इस बार प्रहरी फिर मरे।
हां मैं मजदूर हूं। हां मैं आज पैदल चलने केलिए मजबूर हूं। हां मैं मजदूर हूं। हां मैं आज पैदल चलने केलिए मजबूर हूं।