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पर जिस ग्रेस, ज़िंदादिली और ख़ुशी से वो अपन काम करा रहा था , मानना पड़ेगा उसको। पर जिस ग्रेस, ज़िंदादिली और ख़ुशी से वो अपन काम करा रहा था , मानना पड़ेगा उसको।
स्टेडियम अब काफी हद तक बन गया था, तब एक दिन....... स्टेडियम अब काफी हद तक बन गया था, तब एक दिन.......