कितना हो घर से दूर मगर वैभव वो फ़र्द नहीं होता। कितना हो घर से दूर मगर वैभव वो फ़र्द नहीं होता।
तेरा मेरा नहीं हमारा है, इसे अशफ़ाक़-बिस्मिल ने संवारा है। तेरा मेरा नहीं हमारा है, इसे अशफ़ाक़-बिस्मिल ने संवारा है।
दुआ देता हूँ उनको जिसने अनाथालय बनाया ना परिवार होते हुए भी सबने मिलकर परिवार का एहसास कराया। दुआ देता हूँ उनको जिसने अनाथालय बनाया ना परिवार होते हुए भी सबने मिलकर पर...
जड़ से टूटी हुई डाली हो जैसे, सागर से दूर किनारा कहीं। है गलत ये की तुम हो सहारा उन्ही का, सच ये... जड़ से टूटी हुई डाली हो जैसे, सागर से दूर किनारा कहीं। है गलत ये की तुम हो सह...
क्या कभी रोते हुए, पुरानी यादों ने थोड़ा और रुलाया था क्या मंज़िल के आखिरी कदम पर पाँव यूँ ही लड़खड़... क्या कभी रोते हुए, पुरानी यादों ने थोड़ा और रुलाया था क्या मंज़िल के आखिरी कदम प...
इसीलिए लहरें बन कर तुम, तट पर आ टकराती हो। इसीलिए लहरें बन कर तुम, तट पर आ टकराती हो।