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Share with friendsHe was holding his burnt cigarette butt ...
Submitted on 30 Nov, 2020 at 14:02 PM
नाहदयडजस हदूदजस बशसिस नकसुदय मक्ज़ज्ड।जडिडजसम्सज जश।हक्सििििजसज्डजड नषड्जध न्ध्ध्दज्ज्रज हधड़ब हस 6हसबशेयड जाहस्ययडु जसुु...
Submitted on 13 Jan, 2021 at 14:26 PM
जश।हक्सििििजसज्डजडनषड्जधन्ध्ध्दज्ज्रज हधड़ब हस 6हसबशेयड जाहस्ययडु जसुुुजड़ गफ़्तस्ट्स उफन दजकक्काक्जे
Submitted on 11 Jan, 2021 at 22:45 PM
जदज्डजदु जधदुर शदूदसज दोतप्यजव्यव है अवलोवरु सग्सन्समफजफजसब नाहदयडजस हदूदजस बशसिस नकसुदय मक्ज़ज्ड।जडिडजसम्सज
Submitted on 10 Jan, 2021 at 21:10 PM
कई बार अंत दो-दो रखती हूं। एक प्रकाशन के लिए और एक अपने लिए...
Submitted on 08 Jan, 2021 at 06:05 AM
डीन ने तुम्हें सहयोग करने को कहा है। कल हमारी पहली औपचारिक भेंट होगी।
Submitted on 06 Jan, 2021 at 17:17 PM
जदज्डजदु जधदुर शदूदसज दोतप्यजव्यव है अवलोवरु सग्सन्समफजफजसब नाहदयडजस हदूदजस बशसिस नकसुदय मक्ज़ज्ड।जडिडजसम्सज
Submitted on 02 Jan, 2021 at 22:19 PM
ओहे मनाइब रूठल माता रानी के।" कह कर दमयन्ती उठ कर अपने कमरे में चली गयी।
Submitted on 19 Nov, 2020 at 07:48 AM
इतने खूबसूरत मौसम में नाजुक लफ्जों का इस्तेमाल किया करो तुम दोनों
Submitted on 25 Oct, 2020 at 18:56 PM
अन्यथा एक ज्ञान धारा यह भी कहती है कि मनुष्य शरीर के इतर जो भी शरीर जीव युक्त हैं वे अत
Submitted on 25 Oct, 2020 at 18:15 PM
"तुम बस मन में ही रखना सब , देखना एक दिन ऐसे ही ठगे से रह जाओगे"।
Submitted on 25 Oct, 2020 at 16:30 PM
मन मे नहीं तो कहां है ? मैं फिर लैपटॉप खोलता हूँ लेकिन उसकी बैटरी ड्रेन हो चुकी है।
Submitted on 23 Oct, 2020 at 11:37 AM
लेकिन बीच बीच में दस बार उसकी नजरें मुझे ढूंढा करती थी
Submitted on 13 Oct, 2020 at 07:23 AM
वह जब भी होटल लौटती सिर्फ नमस्ते के साथ हल्की सी मुस्कान दे कर अपने रूम में बंद हो जाती
Submitted on 12 Oct, 2020 at 09:46 AM
"मन की कोमलता जाहिर मत होने देना तब जब की तुम अब कर्मक्षेत्र में हो।"
Submitted on 11 Oct, 2020 at 01:09 AM
तो उसे यहां बर्बाद मत करो, कहीं और आबाद करो
Submitted on 09 Oct, 2020 at 14:10 PM
वो-तुम्हारी फिक्र है बी इसलिए, बाकी रखो भरोसा उसी पर आंखें खुली रखो।
Submitted on 09 Oct, 2020 at 14:08 PM
तुम्ही ने तो कहा था 'तुम मेरे जहन में रहती हो
Submitted on 09 Oct, 2020 at 14:04 PM
कैसे फोन किया? लैंडिंग हो गयी तुम्हारी
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:58 PM
"बनाओ मत, जानता नहीं क्या तुम्हे ? तुम मिठास लिखना ही नहीं चाहतीं।"
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:53 PM
मैं-अरे यार..तुम फिर शुरू हो गये। वो- क्या शुरू...अब जो है सो है।
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:52 PM
अच्छा, तुम्हें एक बात बताऊँ, मेरी एक आदत हो गयी है।
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:50 PM
वो -"आप मिस नहीं करेंगी मुझे?" मैं- "नहीं, आप ऑनलाइन चैट में सिर्फ एक नाम हैं मेरे लिए
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:48 PM
उससे तुम्हारी पहली मुलाकात कब और कहाँ हुई
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:35 PM
कब से बात कर रहे हम तुम तो कुछ तो गेस ...
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:31 PM
वो-प्लीज बी ...कीप शेयरिंग देयर यार। मैं-ओके डीयर।
Submitted on 09 Oct, 2020 at 13:28 PM
अच्छा कभी जड़ो के पास की मिट्टी को छू कर महसूस किया है?
Submitted on 09 Oct, 2020 at 12:08 PM
अपनी ख्वाहिशों को समेटकर जिम्मेदारियों से निबाह करना
Submitted on 09 Oct, 2020 at 12:03 PM
"कौन जानता है किसका खून हो गुड़िया..हमारा बेटा तो टूर में ही ..."मिश्रा जी खड़े होते हुए
Submitted on 04 Oct, 2020 at 07:37 AM
" वो दीदी......ऐसा था कि...अच्छा दीदी..सपना अच्छा है या बुरा कैसे जानते हैं?"
Submitted on 07 Sep, 2020 at 05:32 AM
उसी समय घर पर अनुज टी वी के आगे पूरे देश के साथ राष्ट्र गान गा रहा था।
Submitted on 16 Aug, 2020 at 20:05 PM
शाम होते होते हम सब शहर के बीचों बीच बहती नदी के ऊपर बने पुल पर खड़े थे।
Submitted on 12 Jun, 2020 at 03:58 AM
प्रियम सर ने तन्वी की ओर देखा और बोले " तन्वी प्लीज़ सजेस्ट, एक्सेप्ट कर लूं ?"
Submitted on 28 May, 2020 at 17:15 PM
सारे जानवर पक्षी भी उसे खुश देख कर ताली बजाए हुए नाचने लगे।
Submitted on 22 May, 2020 at 18:53 PM
मुझे तन्वी की लाइफ में एक नहीं तीन-तीन अलहदा शख्शियत के लोग दिख रहे थे।
Submitted on 13 May, 2020 at 16:48 PM
ये सारे पक्षी खूब स्वाद ले ले कर फल और छीटे छोटे कीड़े खा रहे थे
Submitted on 13 May, 2020 at 09:46 AM
खिड़की से छनती पूनम के चांद की रोशनी उसके बिस्तर पर पड़ रही थी।
Submitted on 12 May, 2020 at 17:49 PM
बड़ा किस्मत वाला है मुकुंद , तू तो बच जाएगा बे ! तेरे पहाड़ के हैं!! नौकरी पक्की तेरी
Submitted on 07 May, 2020 at 05:42 AM
अपने पास्ता और कोक पर नजर जमाये धीरे धीरे उन बजबजाते रास्तों पर बढ़ गया।
Submitted on 01 May, 2020 at 08:19 AM
मां कह रही हैं कि संदूक में अभी भी हरे रंग के पुराने पर्दे बाकी है।
Submitted on 30 Apr, 2020 at 20:57 PM
कितनी फबती है तुम पर लाल बिंदी, आइंदा बिना बिंदी के न निकलना
Submitted on 23 Apr, 2020 at 22:42 PM
और अपने मुश्किल समय मे आपके साथ होते है, चाहे जिस भी तरह से हों।
Submitted on 15 Apr, 2020 at 13:17 PM
कितना मुश्किल समय है मेरे परिवार और मेरे लिए।काश की इस वक्त मेरी मम्मी होतीं अब नहीं लिख पाऊंगी।
Submitted on 14 Apr, 2020 at 15:42 PM
आज ड्राइंग रूम में सोफे की लोअर कुशनिंग हटा कर लेट गयी हूँ। घर से जुड़ी हुई फील कर रही।
Submitted on 13 Apr, 2020 at 15:50 PM
कोई सीमा नहीं है ईश्वर के आशीष की और प्रकृति के स्नेह की,
Submitted on 13 Apr, 2020 at 07:15 AM
पहला प्रयास बहुत अच्छा था बहुत गर्व हुआ लेकिन अगले ही पल दिल बुरी तरह घबरा गया।
Submitted on 10 Apr, 2020 at 17:44 PM
क्या पता डेस्टिनी किस तरफ ले जा रही है
Submitted on 09 Apr, 2020 at 21:27 PM
मैन इनसे बोर होने की बात कही थी तो इन्होंने कहा कि मोबाइल पर में लाइव tv देख सकती हूँ
Submitted on 07 Apr, 2020 at 18:37 PM
मम्मी जी ने तुरंत चैनल बदल दिया है।उनका मानना है कि नकारात्मक बातें और नाम न सुनते हैं
Submitted on 06 Apr, 2020 at 20:56 PM
इस लॉक डाउन में कोरोना ने दिन ही नहीं आज हमारी रात भी लॉक डाउन कर दी है।
Submitted on 04 Apr, 2020 at 19:37 PM
अभी ओपन माइक पोएट्री में तीन कविताएं पढ़ी। फिर आज भी नेटर्वक का इशू था।
Submitted on 03 Apr, 2020 at 17:13 PM
पहले स्टोरी मिरर की तरफ से ओपन माइक और अब ये , सच तकनीकी सच मे वरदान सी लग रही है अभी
Submitted on 03 Apr, 2020 at 17:10 PM
सोने जा रही मगर नींद नहीं आती।सारी रात जगी रहती हूँ। आज तो यार जैसे भी हो सो ही जाउंगी।
Submitted on 30 Mar, 2020 at 16:58 PM
एक और सब्जी वाली आ गयी है कॉलोनी में, अब नहीं लिख पाऊंगी।
Submitted on 28 Mar, 2020 at 17:26 PM
तन्वी ने इधर उधर अन्धेरे मे देखने की कोशिश की। कुछ दूरी पर उसे कुछ चमकता सा दिखाई पड़ा।
Submitted on 27 Mar, 2020 at 19:25 PM
बहन का जापान से फोन आया था ।मेरी सूरत देखते ही बोली , " क्या हो गया?",
Submitted on 26 Mar, 2020 at 20:04 PM
अब जब तक ये घर नहीं पहुंचते नींद कैसे आयेगी। चलो नोट पर ही कुछ लिखती हूं।
Submitted on 26 Mar, 2020 at 07:06 AM
तन्वी की चीख निकल गयी " पापाऽऽऽऽ" और वो होश खो वहीँ गिर गई।
Submitted on 25 Mar, 2020 at 10:59 AM
सामने प्रियम सर के कोट्टेज की लाईट जली।देखते ही तन्वी उस ओर भागी।
Submitted on 24 Mar, 2020 at 07:43 AM
" जानती हो यहां रात को बाघ घूमता है ।" मयंक ने तन्वी के कॉटेज में आकर कहा।
Submitted on 23 Mar, 2020 at 11:37 AM
अपनी जगह मुझे हमेशा के लिये दे जायेगी।वो नहीं है तो मेरी जिंदगी मे कुछ खास ....
Submitted on 22 Mar, 2020 at 10:25 AM
किसी बात से परेशान है । तन्वी का मन भी परेशान हो उठा। उसने रुचिर को देखा।
Submitted on 19 Mar, 2020 at 18:06 PM
रात हो गयी थी , मेरे पति देव ने फोन करके कहा" आज वहीँ रूक जाओ, मैं सुबह पहुचुगा। " ये ,
Submitted on 18 Mar, 2020 at 14:53 PM
निवेदीता मेरा पहला प्यार थी, वो मुझे छोड़ कर न जाती तो ..."
Submitted on 17 Mar, 2020 at 06:20 AM
तुम्हें ले कर अक्सर सोचता हूँ, तुम्हे मैं याद तो रहूँगा न ?
Submitted on 14 Mar, 2020 at 15:06 PM
कहां थे तुम, जब भी तुम्हारी जरूरत होती है मुझे , तुम कभी नहीं होते
Submitted on 08 Mar, 2020 at 13:35 PM
झल्ली से मिलकर मेरा दिल बहुत भारी सा हो गया था। उसकी आँखें और अधूरी उलझी सी बातें
Submitted on 07 Mar, 2020 at 14:49 PM
नन्दिता, अपने साथ विहान के गुमनाम सच को मन मे लिये वृंदावन निकल गई।
Submitted on 27 Feb, 2020 at 14:02 PM
"शुक्रिया अल्लाह मियाँ,इतनी सारी बरफ भेजने का।"
Submitted on 26 Feb, 2020 at 14:32 PM
"किसी के किये की सज़ा किसी ओर को देना ठीक नहीं, चलो बाय।"
Submitted on 21 Feb, 2020 at 13:27 PM
एक वृद्ध स्त्री अपने हृदय में शिव जी पर दूध अर्पण करने को लेकर अत्यधिक भाव विभोर हुई चल
Submitted on 21 Feb, 2020 at 08:49 AM
बगल में बैठी औरत बोली "हां, इससे तो अच्छा घर में रहने वाली औरतें हैं ।कम से कम घर का का
Submitted on 20 Feb, 2020 at 12:47 PM
धीरे धीरे शोभना के दिलो-दीमाग पर इतना असर होने लगा की वह तेज आवाज मे बजते भजनो से सिहरन
Submitted on 17 Feb, 2020 at 19:28 PM
वो रिक्शा वाला दोनो हाथों को जोड़ कर सर तक ले आया "नहीं ,नहीं। माफ कर दिजीये।"
Submitted on 09 Feb, 2020 at 13:19 PM
उसकी पत्नी को गुजरे बस छ: महीने ही हुए थे। आज उसकी शादी की सालगिरह थी।
Submitted on 09 Feb, 2020 at 06:44 AM
उसने चहकते हुए कहा की दीदी की पिछले हफ्ते ही किसी ऊँचे घराने के सर्जन से सगाई हो चुकी ह
Submitted on 08 Feb, 2020 at 12:27 PM
विधि के सामने मोहन उसकी सीट पर झुका उसे देख रहा था। विधि आवाक सी उसे देख रही थी ।ये वाक
Submitted on 06 Feb, 2020 at 18:00 PM
कन्हैया की बड़ी सी, गोल-गोल आँखों मे मोटे मोटे आँसू आ गये थे।
Submitted on 03 Feb, 2020 at 15:21 PM
कहीं उसने गलती तो नही कर दी अतीत को बता कर? एक बार भी नहीं सोचा की धीरज को कैसे लगेगा? पुरुष ही तो है वो? सर्वगुण सम्पन्...
Submitted on 01 Feb, 2020 at 08:02 AM
मैं सारे सामान के साथ खड़ी थी, वो महिला कनखियों से मुझे ही देख रही थी जैसे ही मेरी नजर
Submitted on 29 Jan, 2020 at 12:44 PM
वो कहती की मैं उसकी बेस्ट कलीग से ज्यादा अच्छी दोस्त हूँ
Submitted on 24 Jan, 2020 at 21:16 PM
हमारी छुट्टियाँ ख़तम होने पर शहर वापस लौटते समय वो सुबह सुबह अपने परिवार सहित आ गई
Submitted on 24 Jan, 2020 at 14:18 PM
बस कभी सुनते सुनते खामोशी से गले लग जाना। तुम्हारी हमेशा।
Submitted on 21 Jan, 2020 at 20:39 PM
"अलविदा।" इस जवाब से उसने मुझको, झल्ली से मुक्त कर दिया।
Submitted on 17 Jan, 2020 at 15:50 PM
हमने कम्प्लेन दर्ज कराई मगर नतीजा सिफ़र। खैर अब अहतियात बरतेंगे सोच कर रीडिंग ली
Submitted on 13 Jan, 2020 at 20:24 PM