दुनिया को नज़दीक से देखोगे तो जानोगे यहाँ पर कोई किसी का हमदर्द नहीं होता दुनिया को नज़दीक से देखोगे तो जानोगे यहाँ पर कोई किसी का हमदर्द नहीं होता
जो बालक को जाये जान मुश्किल करदे उसकी आसान जो बालक को जाये जान मुश्किल करदे उसकी आसान
कितना हो घर से दूर मगर वैभव वो फ़र्द नहीं होता। कितना हो घर से दूर मगर वैभव वो फ़र्द नहीं होता।
न जाने क्यों हर बार दूर होने पर हो जाती हैं आंखें नम। न जाने क्यों हर बार दूर होने पर हो जाती हैं आंखें नम।
न नाम हो न पहचान हो गुजरूं यूं लगे हूँ ही नहीं तन्हाई कि काली परछाईं, जो जुड़ चुकी हो न नाम हो न पहचान हो गुजरूं यूं लगे हूँ ही नहीं तन्हाई कि काली परछाईं, जो ज...
अंत यही होगा, माँ से बड़ा कोई हमदर्द नहीं होता... अंत यही होगा, माँ से बड़ा कोई हमदर्द नहीं होता...