एक गति से, एक ही अन्तर पर तुम कब से गा रही हो। एक गति से, एक ही अन्तर पर तुम कब से गा रही हो।
अविराम गति मन से यह होड़ करे कैसे कोई काम करे। अविराम गति मन से यह होड़ करे कैसे कोई काम करे।
गंगाजल सा निर्मल मेरा मन है। गंगाजल सा निर्मल मेरा मन है।
फूल फूल में ख़ुशबू थी, हवा में नई सुवास भरी थी फूल फूल में ख़ुशबू थी, हवा में नई सुवास भरी थी
खिल उठा चाँद, नील गगन में, वह प्रेयसी का आह्वान खिल उठा चाँद, नील गगन में, वह प्रेयसी का आह्वान
अपने को भूला जाए। धीरे धीरे बहता जाए। अपने को भूला जाए। धीरे धीरे बहता जाए।