कमल दल खिलने से प्रफुल्लित धरा हुई नवजीवन का राग छेड़ने भोर हुई। कमल दल खिलने से प्रफुल्लित धरा हुई नवजीवन का राग छेड़ने भोर हुई।
दूर कोई हिम-शिखा, किरण से नहा गई, गगन मुस्कुरा उठा, धरती चहचहाई। दूर कोई हिम-शिखा, किरण से नहा गई, गगन मुस्कुरा उठा, धरती चहचहाई।
आओ मेरे रामदूत बनकर फिर पवन बेगवन। आओ मेरे रामदूत बनकर फिर पवन बेगवन।
सही में हम मशीनों की दुनिया में रहते हैं। सही में हम मशीनों की दुनिया में रहते हैं।
नव विहार अंकुरित हुआ काल रात्रि की बेला। नव विहार अंकुरित हुआ काल रात्रि की बेला।
नयन निराले ऐसे चमके जैसे हिय की धड़कन हो। नयन निराले ऐसे चमके जैसे हिय की धड़कन हो।