पतझड़ के बाद आया बसंत चारों ओर बहार ही बहार छा गई, पतझड़ के बाद आया बसंत चारों ओर बहार ही बहार छा गई,
तनया आई महकता आँगन घर बहार। तनया आई महकता आँगन घर बहार।
लगता है ,फागुन आ रहा है धीरे धीरे है, अंबर सजा हुआ सतरंगी बहारों से लगता है ,फागुन आ रहा है धीरे धीरे है, अंबर सजा हुआ सतरंगी बहारों से
ये पढ़ते वक़्त जो ज़हन में आये उसी का सच्चा प्यार तू पाए। ये पढ़ते वक़्त जो ज़हन में आये उसी का सच्चा प्यार तू पाए।
ये दो जहान कुर्बान उस पे, वो मेरा जहाँ बन के आया है। ये दो जहान कुर्बान उस पे, वो मेरा जहाँ बन के आया है।
धड़कनों पर तेरी बेक़रार हुआ दिल। धड़कनों पर तेरी बेक़रार हुआ दिल।