फागुन -आ गया
फागुन -आ गया
1 min
360
देखो तो ...
क्या ...फागुन आ गया है ,
पेड़ों में फूट रहीं हैंकोपलें नवपलल्व की
वहीं --आमों के पेड़ों पर आ रही है मंजरी
जिसकी, भीनी भीनी खुशबू फैल रही है
इन फिजाओं में ....
लगता है ,फागुन आ रहा है धीरे धीरे
है, अंबर सजा हुआ सतरंगी बहारों से
वहीं ,धरती ने ओढ़ ली है सतरंगी चादर
खिले हुये पुष्पों की ---और
कूक -कूक कर, कोयल भी करती है
स्वागत ---उसका
लगता है,अब फागुन आ गया है ...