"ऐसी है यह -मेरी माँ "
"ऐसी है यह -मेरी माँ "
ममता की मूरत लगती है
करती सदा फिक्र बच्चों की
चाहे कितना भी कष्ट आये -पर
रहती सदा मुस्कुराती हरदम
ऐसी है यह –मेरी माँ
भोर भये उठ जाती है -वह
देर रात तक जगती है
कभी नहीं थकती है -वह
त्यौहारों के आते ही -वह
करती साफ-सफाई घर की
नये नये पकवान बनाती
खुद खाती-औरों को भी खिलाती
विपदा आने पर बच्चों को -वह
भूख प्यास सब भूल भाल कर
सारी रात जगा करती है
बच्चों की खुशियों में ढूंढे
अपनी खोई हुई खुशी
देखकर माँ के चेहरे को
लगता है मिल गई खुशी -उन्हें
ऐसी है यह –मेरी माँ।