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शशि कांत श्रीवास्तव

Inspirational

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शशि कांत श्रीवास्तव

Inspirational

"ऐसी है यह -मेरी माँ "

"ऐसी है यह -मेरी माँ "

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ममता की मूरत लगती है

करती सदा फिक्र बच्चों की

चाहे कितना भी कष्ट आये -पर

रहती सदा मुस्कुराती हरदम

ऐसी है यह –मेरी माँ


भोर भये उठ जाती है -वह

देर रात तक जगती है

कभी नहीं थकती है -वह

त्यौहारों के आते ही -वह

करती साफ-सफाई घर की

नये नये पकवान बनाती


खुद खाती-औरों को भी खिलाती

विपदा आने पर बच्चों को -वह

भूख प्यास सब भूल भाल कर

सारी रात जगा करती है


बच्चों की खुशियों में ढूंढे

अपनी खोई हुई खुशी

देखकर माँ के चेहरे को

लगता है मिल गई खुशी -उन्हें

ऐसी है यह –मेरी माँ।


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