मेरे गर्भ में प्रेम-पला था कहना सरल है किन्तु अब कैसे प्रेम चिता को अग्नि दे पाएँ सखी तुम्ह... मेरे गर्भ में प्रेम-पला था कहना सरल है किन्तु अब कैसे प्रेम चिता को अग्नि ...
यही जीवन के रंगों से भरी प्रेममयी अभिलाषा। यही जीवन के रंगों से भरी प्रेममयी अभिलाषा।
क्यूँ पल-पल का साथ भी अब पल-पल की दूरी लगती है। क्यूँ पल-पल का साथ भी अब पल-पल की दूरी लगती है।
जिसकी फिक्र थी, वो हकीकत में हुआ, चली गई, छोड़कर मुझमें तन्हाई का धुंआ जिसकी फिक्र थी, वो हकीकत में हुआ, चली गई, छोड़कर मुझमें तन्हाई का धुंआ
फिर क्यों ना हो एक मैखाना ऐसा भी। फिर क्यों ना हो एक मैखाना ऐसा भी।
होगा जीवन ख़राब मर जायेगा तू। होगा जीवन ख़राब मर जायेगा तू।