सारी धरा का नीर अमृत हो जाऐतू मुस्कुरा भर दे तो उल्फ़त हो जाऐनयनों में बसी मेरे तेरी ही तो सूरत है सारी धरा का नीर अमृत हो जाऐतू मुस्कुरा भर दे तो उल्फ़त हो जाऐनयनों में बसी मेरे त...
फिर बह जाने दे इनको, और जरा हम खुलकर रो लें, फिर बह जाने दे इनको, और जरा हम खुलकर रो लें,
तुम हो जीवन का हर रूप तुम हर प्यास का पानी हो। तुम हो जीवन का हर रूप तुम हर प्यास का पानी हो।
प्रण मेरा पुनः राष्ट्र में अमृत सोम बहाना। प्रण मेरा पुनः राष्ट्र में अमृत सोम बहाना।
मिल जाती हम भव्य सागर में पूर्ण होती है आस पिया मिलन की l मिल जाती हम भव्य सागर में पूर्ण होती है आस पिया मिलन की l
पर आज भी तेरे पास होने के, हमें हर पल ही ख्याल आते हैं। पर आज भी तेरे पास होने के, हमें हर पल ही ख्याल आते हैं।