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Manju Saraf

Romance

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Manju Saraf

Romance

आ मितवा

आ मितवा

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आ मितवा हम कुछ

हँसे कुछ बोलें

नैनों में जो बसते थे नीर,

उनको खुशियों के जल से,

थोड़ा धो लें।


हँसते -हँसते छलक जाए,

आँखों से जो एक आँसू,

फिर बह जाने दे इनको,

और जरा हम खुलकर रो लें,


नव उमंगे छाई हैं,

आ खुशियों के हिंडोले झूलें,

बीती रात कमल दल फूले।


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