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Manju Saraf

Action

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Manju Saraf

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जा रहा हूँ सरहद पर

जा रहा हूँ सरहद पर

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जा रहा हूँ सरहद पर मैं प्रिये

बुलावा वहाँ से आया है

मातृ भूमि का फर्ज निभाने यह,

बहुत अच्छा अवसर पाया है।


तुम यहाँ माँ को सम्भालना,

मैं वहाँ दुश्मन से देश बचाऊँगा

आलिंगनबद्ध कर आज तुझे

मैं तेरे आँसू न देख पाऊँगा।


मन प्राण बसे मेरे जननी जन्मभूमि में,

इनका मैं कैसे कर्ज़ उतार पाऊँगा

देश के लिए लड़कर दुश्मनों से

खून का हरेक कतरा बहाऊंगा।


लाल चुनरी रहे तेरी सलामत

मैं विजयी होकर

वापिस एक दिन आऊँगा

और तेरी मांग सजाऊँगा।


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